ज्वाइनिंग में देरी करने पर नौकरी नहीं छीन सकते, सेना के गनर को बर्खास्त करने का आदेश निरस्त
आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल की बेंच ने सेना के पूर्व गनर राकेश देवतवाल के विरुद्ध भगोड़ा घोषित करके उसे बर्खास्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया।
आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल की बेंच ने सेना के पूर्व गनर राकेश देवतवाल के विरुद्ध भगोड़ा घोषित करके उसे बर्खास्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया। चेयरमैन जस्टिस राजेन्द्र मेनन एवं सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल गोपाल आर की बेंच ने याचिकाकर्ता को पेंशन सहित अन्य सभी सेवा लाभ ब्याज सहित भुगतान करने के निर्देश दिए। उज्जैन निवासी देवतवाल की ओर से अधिवक्ता प्रतीक दुबे ने पक्ष रखा। मूल रूप से याचिकाकर्ता आर्टिलरी रेजिमेंट में 2003 में भर्ती हुआ था। वर्ष 2007 में वह राष्ट्रीय रायफल्स जम्मू एवं कश्मीर में पदस्थ हुआ, जहां उसने मई 2010 तक सेवाएं दीं। याचिकाकर्ता ने 9 मई 2010 में 30 दिन की वार्षिक छुट्टी का आवेदन दिया। आवेदक को 16 जून को ज्वाइन करना था। स्वास्थ्य कारणों से वह नियत तिथि को ज्वाइन नहीं कर पाया। उसने उच्चाधिकारी को सूचना भी दी। इसके बावजूद उसे 16 जून 2010 को भगोड़ा घोषित कर दिया गया और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।