भारत के 51वें चीफ जस्टिस बने जस्टिस संजीव खन्ना,राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.और छह महीने तक इस पद पर रहेंगे। इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए थे। इसके पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़ ने जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश की थी।
सोमवार को जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) ने राष्ट्रपति भवन में भारत (India) के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के रूप में शपथ ली। बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) ने सुबह 10 जस्टिस जस्टिस संजीव खन्ना को शपथ दिलाई । इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ रिटायर हुए थे। जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश जस्टिस चंद्रचूड़ (Justice Chandrachud) ने की थी।
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 दिल्ली (Delhi) मे हुआ था उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। दिल्ली के प्रतिष्ठित परिवार से तालुक रखने वाले जस्टिस संजीव खन्ना तीसरी पीढ़ी के वकील रहे हैं। जस्टिस खन्ना ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
कई प्रमुख निर्णयों में निभाई भूमिका
जस्टिस खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक मामलों मे फैसले सुनाए। जिसमे चुनाव में ईवीएम की उपयोगिता बनाए रखना और चुनावी बांड योजना को खारिज करना शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने अनुच्छेद-370 (article-370) के निरस्तीकरण के फैसले को कायम रखने का फैसला दिया था।उन्होंने शराब घोटाले मे फंसे दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को चुनाव के दौरान प्रचार के लिए अंतरिम जमानत प्रदान दी थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का करियर
उन्होंने न्यायाधीश बनने से पहले अपने करिअर की शुरुआत 1983 में तीस हजारी कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस के साथ की थी। उन्होंने आयकर विभाग (Income Tax Department) के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील और दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में कार्य किया। 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने के बाद 2006 में स्थायी न्यायाधीश बन गए। जस्टिस संजीव खन्ना जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे।
जस्टिस चंद्रचूड को दी गई भावपूर्ण विदाई
शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ का आखिरी कार्यदिवस था। इस दौरान जजों, वकीलों व शीर्ष अदालत और हाई कोर्टों के कर्मचारियों ने उनको भावपूर्ण विदाई दी। केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर, 2024 को न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति का ऐलान कर दिया था।