अब राजनेताओं का सामना वकीलों से होगा,हाईकोर्ट से निकल कर सिब्बल ने कहा

शिवराज सिंह ने अब तक नोटिस का जवाब नहीं दिया। कपिल सिब्ब्ल ने कहा ये मानहानि एक नेता नहीं बल्कि वरिष्ठ अधिवक्ता की हुई है।

Sep 21, 2024 - 14:24
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अब राजनेताओं का सामना वकीलों से होगा,हाईकोर्ट से निकल कर सिब्बल ने कहा
Kapil Sibal said that the defamation is not of a leader but of a senior advocate.

द त्रिकाल डेस्क न्यूज (Jabalpur) मध्यप्रदेश हाईकोर्ट(MP Highcourt) में शनिवार को पूर्व (CM) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ आपराधिक अवमानना प्रकरण की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल इस मामले में विवेक तन्खा की ओर से पक्ष रखा। पूर्व में इन तीनों के विरुद्ध एमपी- एमएलए की विशेष कोर्ट द्वारा जमानती वारंट जारी किया था। शिवराज सिंह व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने वारंट पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ में इस मुकदमे की सुनवाई हुई।सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल ने अदालत को बताया कि ये मानहानि एक नेता नहीं बल्कि वरिष्ठ अधिवक्ता की हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरीके से कोई भी नेता न्यायालीन संबंधी कार्यवाही में इस तरह से बयान नहीं दे सकता। 

हाईकोर्ट से निकल कर सिब्बल ने कहा

पत्रकारों से चर्चा के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि नेताओं द्वारा प्रोफेशनल पर आरोप लगाना समाज के लिए खतरनाक है विवेक तंखा ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ नहीं बल्कि सरकार द्वारा ले गए ऑर्डनेंस के खिलाफ कहा था अगर नेता इस तरह के आरोप लगाएंगे तो वकीलों को उनका सामना करना पड़ेगा।

क्या था पूरा मामला

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP Highcourt)में शनिवार को पूर्व (CM) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ आपराधिक अवमानना प्रकरण की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल इस मामले में विवेक तन्खा की ओर से पक्ष रखा। पूर्व में इन तीनों के विरुद्ध एमपी- एमएलए की विशेष कोर्ट द्वारा जमानती वारंट जारी किया था। शिवराज सिंह व अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने वारंट पर अंतरिम रोक लगा दी थी।राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो उक्त भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने जिस तरह से गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा विवेक तन्खा के सिर पर फोड़ दिया था और उनकी छवि व अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाया गया था,उसी को लेकर विवेक तन्खा ने एमपी-एमएलए कोर्ट में तीनों के खिलाफ याचिका दायर की थी।