संकल्प के साथ रखें जन्माष्टमी का व्रत, रात 12 बजे करें बाल रूप की पूजा 

कृष्ण  जन्माष्टमी का पर्व हर साल भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार, 26 अगस्त को पड़ने वाला वह पर्व अपने आप में बेहद खास और चमत्कारी होने वाला है। इस बार जन्माष्टमी के मौके पर चार अद्भुत संयोग एक साथ बन रहे हैं, जो द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय भी देखने को मिले थे।

Aug 26, 2024 - 14:06
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संकल्प के साथ रखें जन्माष्टमी का व्रत, रात 12 बजे करें बाल रूप की पूजा 
Keep the fast of Janmashtami with determination, worship the child form at 12 o'clock at night

कृष्ण  जन्माष्टमी का पर्व हर साल भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार, 26 अगस्त को पड़ने वाला वह पर्व अपने आप में बेहद खास और चमत्कारी होने वाला है। इस बार जन्माष्टमी के मौके पर चार अद्भुत संयोग एक साथ बन रहे हैं, जो द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय भी देखने को मिले थे। इस दुर्लभ संयोग के चलते, जन्माष्टमी का पर्व इस बार सभी मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला साबित होगा। यह हिंदू संस्कृति का एकमात्र ऐसा खास और महत्वपूर्ण त्योहार है, जो पूरी तरह से भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी उन्हें प्रसन्न करने के लिए रात 12 बजे तक उपवास भी रखते हैं। 

इन चार संयोगों के लिए खास है जन्माष्टमी 

इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर चार संयोग बन रहे हैं, जो द्वापर युग के समय भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण दिवस पर बन रहे हैं। पंडित शिव शर्मा ने बताया कि इस बार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ लग्न के साथ-साथ चंद्रमा भी वृषभ राशि में रहेगा। ये चार दुर्लभ संयोग लंबे समय बाद इस जन्माष्टमी पर एक साथ देखे जाएंगे, जो द्वापर युग की तरह ही होंगे। 

व्रत रखने का खास महत्व 

इस बार यदि आप जन्माष्टमी का व्रत कर रहे हैं, तो इसका आपको विशेष फल मिलेगा। व्रत का समय इस बार रात 12 बजे से 12.45 बजे तक रहेगा। शास्त्रों में जन्माष्टमी व्रत को सभी व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। भविष्य पुराण में इस व्रत के बारे में बताया गया है कि जो व्यक्ति सिर्फ एक बार कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखता है, उसे उसका फल 20 करोड़ एकादशियों के बराबर मिलता है। इसके अलावा, इस व्रत को रखने से अकाल मृत्यु से भी बचाव होता है। 

संपल्प लेकर करना चाहिए यह व्रत 

जन्माष्टमी का व्रत हर व्यक्ति को संकल्प लेकर करना चाहिए। व्रत के दौरान यह संकल्प अवश्य रखना चाहिए। भगवान, मैं आपके लिए जन्माष्टमी का व्रत रख रहा हूं। आप इसे सफल बनाएं। इस दिन 12 बजे तक जागरण करना चाहिए और भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होते ही उनकी बाल स्वरूप में पूजा करनी चाहिए। रात्रि पूजन के बाद भगवान को किसी मावे के पकवान के साथ धनुष पंजरी का प्रसाद अवश्य लगाना चाहिए।