जानिए कैसे...पब्लिक प्लेस के चार्जिंग पॉइंट पर हो सकता है फ्रॉड
सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग पॉइंट को देखकर हमारे मन में एक ही ख्याल आता है, कि अच्छा है कि मोबाइल को चार्ज कर पाएंगे। आपके मन का यह ख्याल ही आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
जूस जैकिंग स्कैम के लिए सरकार ने जारी किया अलर्ट
सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग पॉइंट में जैसे ही आप अपने मोबाइल या अन्य डिवाइस को कनेक्ट करते हैं वैसे ही आपका पर्सनल डाटा भी सार्वजनिक हो जाता है यानी उसे चुरा लिया जाता है। इसे लेकर सरकार ने हाल ही में एडवाइजरी भी जारी की है और लोगों से कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग पोर्ट से डिवाइस चार्ज करने से बचें। इस तरह के स्कैम्स को जूस जैकिंग कहा जाता है। इन स्कैम्स में स्कैमर चार्जिंग पोर्ट में ही वायरस डाल देते हैं और जैसे ही कोई यूजर्स अपनी डिवाइस चार्ज करता है तो उसकी निजी जानकारी जैसे पासवर्ड्स, बैंक डिटेल्स आदि चुरा लेते हैं। आइए जानते हैं क्या है जूस जैकिंग साइबर अटैक।
2011 में पहली बार किया गया इस्तेमाल
जूस जैकिंग अटैक शब्द का इस्तेमाल पहली बार 2011 में किया गया था। तब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में रिसर्चर्स ने एक ऐसा चार्जिंग कियोस्क तैयार किया था, जिसे डिवाइस में लगाते ही उसके डाटा को चोरी किया जा सकता था। रिसर्चर्स ने लोगों को स्कैम के बारे में आगाह करने के लिए यह एक्सपेरिमेंट किया था। इसी तकनीक का इस्तेमाल कर स्कैमर्स फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं।
कहीं आप भी तो नहीं हुए फ्रॉड का शिकार
इस स्कैम के जरिए अपराधी पब्लिक प्लेसेस जैसे हवाई अड्डों, कैफे, होटल और बस स्टैंड पर पब्लिक चार्जिंग में इस्तेमाल होने वाली यूएसबी में मेलवेयर डाल देते हैं। इसके बाद जब आम पब्लिक चार्ज करने के लिए पब्लिक प्लेसेस पर इस तरह की यूएसबी का इस्तेमाल करते हैं, तो यूएसबी का पोर्ट आपका डाटा सिंक करके उसे पोर्ट से जुड़े डिवाइस पर भेज देता है। उस डिवाइस पर आपके पासवर्ड्स, पता और बैंक स्टेमेंट जैसी संवेदनशील जानकारियां चली जाती है। इसी जानकारी का इस्तेमाल कर आपके साथ फ्रॉड को अंजाम दिया जा सकता है। इसके अलावा स्कैमर्स जूस जैकिंग के जरिए आपके डिवाइस का कंट्रोल भी हासिल कर सकते हैं।
ऐसे बचें इस स्कैम से
- ट्रैवल कर रहे हैं तो चार्जिंग के लिए अपना केबल या पॉवर बैंक जरूर ले जाएं।
- अपने डिवाइस की दूसरे डिवाइस के साथ पेयरिंग परमिशन को हमेशा बंद रखे।
- फोन के सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट कर लेटेस्ट वर्जन पर ही काम करें।
- अपने डिवाइस का ऑटो कनेक्शन मोड हमेशा ही बंद रखें।
यहां करें शिकायत
स्कैम होने पर तुरंत इसकी शिकायत दर्ज करवाएं। इसके अलावा 1930 पर आप कॉल करें या http://www.cybercrime.gov.in पर साइबर धोखाधड़ी की घटना की रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं।