जानिए...सावन के दूसरे सोमवार के शुभ मुहूर्त और योग
सावन सोमवार हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, यह भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीना भी है। इस साल सावन सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो गया है।
सावन सोमवार हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, यह भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीना भी है। इस साल सावन सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो गया है। भोले बाब के भक्तों ने पहले सावन का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न किया। और अब दूसरे सोमवार की तैयारी में लगे हुए हैं।
इस दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह से लेकर शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है। उसके बाद से षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। सावन के दूसरे सोमवार पर भरणी नक्षत्र सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद से कृत्तिका नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं गण्ड योग सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, फिर वृद्धि योग प्रारंभ होगा। दूसरे सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक है। अमृत काल का समय 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। सावन के दूसरे सोमवार पर राहुकाल सुबह 07 बजकर 23 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है।
क्या है रुद्राभिषेक का सही समय-
रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है। दूसरे सावन सोमवार के दिन शिववास सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद शिववास क्रीड़ा में है।
इन मंत्रों का करें जाप-
भगवान शिव के पंचाक्षरी शिव मंत्र में प्रकृति के पांचों तत्वों को नियंत्रित करने की शक्ति है। ऊं नम: शिवाय: में न पृथ्वी, म: जल, शि अग्नि, वा प्राण वायु और य आकाश को इंगित करते हैं। शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव ने स्वयं इस मंत्र में बारे में माता पार्वती को बताते हुए कहा था कि कलयुग में यह मंत्र सभी पापों और कष्टों को हरने वाला होगा।