जानिए...कौन हैं नेत्रहीन श्रीकांत, जिन पर बायोपिक बन रही

Jul 15, 2024 - 16:19
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जानिए...कौन हैं नेत्रहीन श्रीकांत, जिन पर बायोपिक बन रही

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर।

कहते है न जब कुछ कर गुजरने की चाह होती है, तो व्यक्ति कर ही लेता है। मन में विश्वास बनाने की ही देरी होती है। जिन लोगों को भगवान शारीरिक कमियों के साथ दुनिया में भेजता है, उन्हें एक टैलेंट उपहार स्वरूप भगवान से मिलता है। कुछ ऐसे ही प्रतिभा के धनी है मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट श्रीकांत बोला, जिनके ऊपर बायोपिक बनने जा रही है। श्रीकांत बोलैंट इंडडस्ट्रीज के फाउंडर हैं। वह पहले इंटरनेशनल विजुअली इम्पेयर्ड स्टूडेंट रहे हैं, जिन्होंने मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है। साल 1991 में आंध्रप्रदेश के सीतारामपुरम में जन्मे श्रीकांत बोला बचपन से नेत्रहीन हैं, लेकिन शुरूआत से ही उन्हें पढ़ने का शौक था। श्रीकांत का सपना था कि वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ाई करें। 


12वीं की परीक्षा में किया टॉप 
श्रीकांत ने 12वीं क्लास में 98 प्रतिशत से टॉप किया था, लेकिन वे आईआईटी में नहीं पढ़ पाए। श्रीकांत डटे रहे और बाद में उन्हें एमआईटी में एडमिशन मिल ही गया। वे एमआईटी के पहले इंटरनेशनल ब्लाइंड स्टूडेंट भी थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2012 में श्रीकांत ने बोलैंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की और बाद में उन्हें रतन टाटा से भी फंडिंग मिली। इस कंपनी के जरिए श्रीकांत ने सैकड़ों विकलांग व्यक्तियों को रोजगार का अवसर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीकांत की कंपनी आज 150 करोड़ रुपए की है। 


संघर्षों से भरा रहा बचपन
श्रीकांत बोला का जन्म 1992 में आंध्रप्रदेश के मछलीपट्टनम में सीतारामपुरम गांव में हुआ था। आज उन्हें हाथों हाथ लिया जाता है। लेकिन, बचपन में समाज और अपने शिक्षकों से श्रीकांत को बहुत उपेक्षित होना पड़ा। उन्हें अक्सर क्लास में सबसे पीछे बैठाया जाता था। श्रीकांत ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनके माता-पिता दामोदर राव और वेंकटम्मा इस बात से बहुत दुखी थे कि उनका बच्चा अंधा पैदा हुआ। ग्रामीण स्कूल में दाखिला दिलाने से लेकर हर कदम पर उन्हें व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करना पड़ा। विज्ञान की पढ़ाई की अनुमति पाने के लिए श्रीकांत को सरकार से लड़ाई करनी पड़ी थी। इस पढ़ाई के लिए वह कोर्ट गए। वहां से उन्हें अपने जोखिम पर विज्ञान पढ़ने की अनुमति मिली। छह महीने इंतजार के बाद श्रीकांत ने अपनी 12 की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 98 प्रतिशत अंक हासिल किए। बायोपिक में राजकुमार राव उनका किरदार निभा रहे हैं। जो कि सभी के लिए एक प्रेरणा से परिपूर्ण स्टोरी होगी।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।