कूनो नेशनल पार्क की ट्रैकिंग टीम को किया हाइटेक, वनरक्षकों को दिए गए हाई फ्रीक्वेंसी के वायरलेस सेट
कूनो नेशनल पार्क में लगभग आठ माह से बाड़ों में बंद चीतों को खुले जंगल में छोड़ने को लेकर वरिष्ठ स्तर पर मंथन चल रहा है। यही कारण है कि इससे पहले चीता ट्रैकिंग टीम को पूरी तरह हाइटेक कर दिया गया है।
कूनो नेशनल पार्क में लगभग आठ माह से बाड़ों में बंद चीतों को खुले जंगल में छोड़ने को लेकर वरिष्ठ स्तर पर मंथन चल रहा है। यही कारण है कि इससे पहले चीता ट्रैकिंग टीम को पूरी तरह हाइटेक कर दिया गया है। ट्रैकिंग में लगे वनरक्षकों को हाई फ्रीक्वेंसी के वायरलेस सेट दिए गए हैं, जिनमें जीपीएस के साथ पर्सनल बात करने की सुविधा और आटो रिकार्डिंग है। पहले पुराने सेट में पांच किमी तक संपर्क करने की क्षमता थी तो नए सिस्टम में यह रेंज दोगुना हो गई है। चौकी पर जो नए सेट लगाए गए हैं वह सौ किमी तक संपर्क कर सकते हैं। कूनो प्रबंधन चीता ट्रैकिंग टीम की लोकेशन आसानी से ले सकेगा। बता दें कि कूनो में खुले में अभी जंगल में दो ही चीते हैं जिसमें एक मुरैना में जंगल में पहुंच गया है। बाड़े में अभी 11 चीते हैं जिनमें से भारतीय मौसम में ढल चुके कुछ चुनिंदा चीतों को एक एक कर बाहर छोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की जानी है।
कूनो में चीतों की मौजूदगी और कूनो फारेस्ट फेस्टिवल होने के बाद से पर्यटकों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। यही कारण है कि कूनो प्रबंधन से लेकर वरिष्ठ स्तर के अधिकारी अब इसको लेकर तैयारी कर रहे हैं। खुले जंगल में आने के बाद निश्चित ही कूनो में पर्यटन बढ़ेगा।
चीता की निगरानीमें यह होगा फायदा
कूनो में चीतों की निगरानी के सिस्टम को और तकनीकी रूप से मजबूत इसलिए किया गया है जिससे पल पल की अपडेट मिलती रहे। पिछले कुछ समय में चीतों की मौत के मामले में यह भी देखने में आया कि चीते के साथ कोई घटना हुई या संघर्ष लेकिन टीमों को काफी देर से पता चल सका। अब फ्रीक्वेंसी रेंज बढ़ने से लेकर व्यक्तिगत तत्काल मैसेज डिलीवर करने की सुविधा जीपीएस के साथ बढ़ी है। कोई भी ट्रैकिंग टीम वरिष्ठ अफसरों से झूठ नहीं बोल सकेगी।