साल का आखिरी सूर्य ग्रहण और सर्व पितृ अमावस्या कल
हिंदू धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन किए गए तर्पण और पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनकी आत्माओं को शांति प्राप्त होती है।
भारत में नहीं दिखाई देगा ग्रहण, अमान्य होगा सूतक काल
हिंदू धर्म में सर्व पितृ अमावस्या का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन किए गए तर्पण और पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनकी आत्माओं को शांति प्राप्त होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह तिथि हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आती है। इस दिन उन सभी पूर्वजों के लिए पिंडदान या तर्पण किया जाता है, जिनकी मृत्यु की तिथि याद न हो या जो किसी कारणवश पहले छूट गए थे। इसलिए इसे सभी पितरों की अमावस्या भी कहा जाता है। इस साल की सर्व पितृ अमावस्या विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण भी होगा।
सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का योग-
सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन सभी व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाता है जिनका श्राद्ध किसी कारणवश छूट गया हो या जिनकी मृत्यु तिथि याद न आती हो। इस बार सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का योग भी बन रहा है, इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि ग्रहण के दौरान श्राद्ध कैसे किया जाएगा।
इस समय करे पितरों का श्राद्ध-
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा और भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस दिन श्राद्ध और तर्पण करना संभव है, और इसका किसी भी धार्मिक कार्य पर कोई असर नहीं होगा। पितरों को तृप्त करने के लिए जल, कुशा और आहुति चढ़ाना महत्वपूर्ण है। 2 अक्टूबर की सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं। इसके अलावा, दान-पुण्य के लिए सूर्यास्त तक का समय शुभ माना जाएगा।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंतिम श्राद्ध-
सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंतिम श्राद्ध किया जाता है, जब सभी पितरों के नाम से श्राद्ध कर्म संपन्न किया जा सकता है। इस दिन उन सभी रिश्तेदारों के लिए भी श्राद्ध किया जाता है जिनकी श्राद्ध तिथि ज्ञात नहीं है। सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से पितरों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और इससे आपके भूले-बिसरे पितरों की आत्माओं को भी शांति मिलती है। इसका शुभ फल यह होता है कि आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और आप सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या पर करें दान-पुण्य, पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा
15 दिनों के पितृ पक्ष में यदि आपने किसी भी प्रकार का कोई दान पुण्य नहीं किया है। तो अब आप 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन इसे कर सकते हैं। आपके परिवार में पितरों के बारे में यदि कोई जानकारी नहीं है, किसी की अकाल मृत्यु के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन आपकी कुंडली में पितृ दोष है। जिसकी कारण आपकी जिंदगी में परेशानियां बनी हुई है तो आप सर्व पितृ अमावस्या के खास मौके को यूं ही न जाने दें। पितरों का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए आप इस दिन कुछ खास चीजों का दान कर सकते हैं। जिससे आपकी जिंदगी में परेशानियों का अंत होगा और तरक्की के द्वार आपके लिए खुल जाएंगे।
इन पांच वस्तुओं का करें दान
ज्योतिषाचार्य इच्छा अरोरा ने बताया कि यदि आपने पितरों के 15 दिनों के दौरान उनके लिए कोई पूजा पाठ या दान नहीं किया है। तो 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसी ब्राह्मण को काला छाता, चप्पल, 10 किलो आटा, 10 किलो चीनी और एक मटकी में पानी भरकर जरूर दान करें। इन पांच चीजों का दान करके आपके पितरों को मोक्ष प्राप्त होगा और आपकी कुंडली में पितृ दोष से निजात मिलेगा। यह एक ऐसा उपाय है। जिससे आपके लिए तरक्की के द्वार खुलेंगे और आप पर पितरों की कृपा हमेशा बनी रहेगी।