अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन के विरोध में वकीलों ने नहीं की पैरवी
अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन के विरोध में शुक्रवार को जबलपुर के वकील अदालतों में पैरवी के लिए उपस्थित नहीं हुए।

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन के विरोध में शुक्रवार को जबलपुर के वकील अदालतों में पैरवी के लिए उपस्थित नहीं हुए। अधिवक्तागण न्यायालयीन कार्य से विरत् रहकर अपना विरोध प्रकट किया।
संयुक्त बैठक में लिया फैसला-
विगत दिवस हाईकोर्ट बार के सिल्वर जुबली आदर्श सभागार में हाई कोर्ट बार, हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार व जिला बार एसासिएशन कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक में उक्त निर्णय लिया गया था। सभी ने अधिवक्ता अधिनियम संशोधन विधेयक-2025 के प्रविधानों को अधिवक्ता विरोधी निरूपित किया था। बैठक में विस्तृत चर्चा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि यदि संशोधन का विरोध नहीं किया गयाा तो ऐसा अधिनियम अस्तित्व में आ जाएगा, जिसके कारण अधिवक्ताओं की स्वतंत्र, निष्पक्ष व निर्भीक वकालत घर कुठाराघात होगा। इसीलिए प्रतिवाद दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके संबंध में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश को पत्र के माध्यम से सूचित कर दिया गया है।
काले कानून का होगा विरोध:सैनी
जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के पूर्व अध्यक्ष व एमपी स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने साफ किया है कि वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए एडवोकेट एक्ट अमेंडमेंट बिल-2025 का महज मध् यप्रदेश में ही नहीं संपूर्ण भारत में घोर विरोध किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके जरिए अधिवक्तागणों पर वज्रपात किया गया है जो कि बिल्कुल भी बर्दाशत नहीं किया जाएगा। पूर्व में भी कई बार राज्य शासन एवं केंद्र शासन को एडवोकेटस प्रोटेक्शन एक्ट के संबंध में कई बार लिखा पढ़ी की जा चुकी है, लेकिन एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट तो दूर रहा केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट अमेंडमेंट बिल-2025 को अधिवक्ताओं को परेशान करने के उद्देश्य से लाया गया है, जिसमें ऐसे-ऐसे नियम लाए गए हैं, जिनसे अधिवक्तगण स्वतंत्र रूप से वकालत नही कर पाएंगे। इस बिल के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से विरत हैं। एमपी स्टेट बार काउंसिल को बार काउंसिल इंडिया के द्वारा एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें एडवोकेटस अमेंडमेंट बिल 2025 में 28 तारीख तक अपने सुझाव मांगे गए हैं।