फर्जी फर्म के नाम पर कर्ज, 2 करोड़ 97 लाख का किया घोटाला, ईओडब्ल्यू ने किया मामला दर्ज
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को एक शिकायत की जांच करते हुये एक बैंक के कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ 2 करोड़ 97 लाख के घोटाले के प्रमाण मिले। ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज करते हुये मामले की सघन जांच शुरु कर दी है।
नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव का मामला, जबलपुर से भी जुड़े तार
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को एक शिकायत की जांच करते हुये एक बैंक के कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ 2 करोड़ 97 लाख के घोटाले के प्रमाण मिले। ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज करते हुये मामले की सघन जांच शुरु कर दी है। ईओडब्ल्यू एसपी आरडी भारद्वाज के अनुसार, मामला नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव स्थित केनरा बैंक का है। जल्दी ही इस मामले में और भी खुलासे होंगे, जो चौंकाने वाले होंगे।
नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव स्थित केनरा बैंक के चार अधिकारियों ने मिलकर बोगस फर्म के नाम पर ऋण स्वीकृत किए। यह राशि अपने स्वजन और नजदीकियों के बैंक खाते में स्थानांतरित कर लिया। प्रारंभिक गड़बड़ी पकड़े जाने पर केनरा बैंक के जबलपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक जनरल मैनेजर गणेश चंद्र सरकार ने आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ-ईओडब्ल्यू में की थी।
ईओडब्ल्यू पुलिस अधीक्षक श्री भारद्वाज के अनुसार जांच में खुलासा हुआ है कि केनरा बैंक बैंक की गोटेगांव शाखा में दो करोड़ 97 लाख रुपये का घोटाला मिला। यह राशि बैंक शाखा में पदस्थ तत्कालीन चार अधिकारियों ने गबन की थी। ईओडब्ल्यू ने आर्थिक अनियमितता पर बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक मनीराज पटेल (निवासी गोरबी प्रोजेक्ट, एनसीएल, सिंगरौली), प्रबंधक गिरीश कुंभारे (निवासी पंचरत्न अपार्टमेंट, शिवमंगल नगर, इंदौर), परिवीक्षा अधिकारी राहुल लोखारे (निवासी सर्वधर्म सी सेक्टर, कोलार रोड, भोपाल हुजूर) और सुनील कुमार दुबे (निवासी जयराम गली, उत्तम पुरा, मुरैना) को आरोपित बनाया है। आरोपित के विरुद्ध धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया है। यह घोटाला चारों अधिकारियों ने मिलकर वित्तीय वर्ष 2020-21 में ऋण स्वीकृति और वितरण के दौरान किया है।