भ्रष्टाचार के खिलाफ तन्हा जंग, जबलपुर के सिविक सेंटर में 6 नवंबर से लगातार अनशन
कहा जाता है कि भ्रष्टाचार रूपी राक्षस से लड़ना आसान नही होता। लेकिन जबलपुर के एक जुनूनी आम व्यक्ति अनिल राठौर ने इसके खिलाफ अकेले मोर्चा खोल दिया है।
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर
कहा जाता है कि भ्रष्टाचार रूपी राक्षस से लड़ना आसान नही होता। लेकिन जबलपुर के एक जुनूनी आम व्यक्ति अनिल राठौर ने इसके खिलाफ अकेले मोर्चा खोल दिया है। खादी ग्रामोद्योग रोजगार योजना में भ्रष्टाचार के विरोध में अनिल राठौर विगत 6 नवम्बर से सिविक सेंटर गार्डन में आमरण अनशन बैठा है। इस अकेले युवक की जिला प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली है।
6 नवम्बर से अनशन पर बैठे अनिल को प्रशासन ने आज तक कोई खैर-खबर नहीं ली, जबकि राठौर के मुताबिक उन्होंने कलेक्टर-एसपी सबके नाम रजिस्टर्ड डाक से अनशन की सूचना भेज रखी है। कलेक्टर की आवक शाखा में जा कर अपने हाथों से भी अपनी मांगों का पत्र जमा किया है। इसके अलावा ओमती थाने को भी इसकी सूचना दे रखी है जिसकी पावती भी उनके पास है।
अनशान पर बैठक अनिल राठौर के मुताबिक उनकी शिकायत मध्यप्रदेश खादी बोर्ड की ग्रामोद्योग रोजगार योजना में भ्रष्टाचार है। उनके साथ इस मामले में चीटिंगबाजी की गई है। सारी औपचारिकताएं पूरी कराने के बाद भी योजना का लाभ उन्हें नहीं दिया गया इसके चलते उनके दस्तावेज फंस गए हैं और आगे कोई काम ही नहीं कर पा रहे। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की प्रतिमा वाले इस गार्डन में चल रहे उनके अनशन की जानकारी किसी भी राजनीतिक दल ने भी उनसे नहीं ली है जबकि वे जनप्रतिनिधियों के पास भी होकर आ चुके हैं।
अब हालत यह है कि यहां दिन भर भूखे प्यासे और रात भर सर्दियों में मच्छरों के काटने से उनकी हालत बिगड़ती जा रही है। इसलिए किसी भी 19-20 परिस्थिति का जिम्मेदार शासन एवं प्रशासन होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सिस्टम के तहत वे प्रत्येक स्तर पर अपनी मांग तर्क सहित प्रस्तुत कर चुके हैं। प्रधानमंत्री सचिवालय की पोर्टल और सीएम हैल्पलाइन तक में उनका मामला दर्ज है। फिलहाल दैनिक रुटीन के सभी कामकाज छोड़कर मेरा अनशन आज भी जारी है। अनिल राठौर हेमराज भवन लाट शॉप तिराहा नरघैया निवासी स्व. लक्ष्मीनारायण राठौर के पुत्र हैं।