एमपी हाईकोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा...15 दिन में लगाओ 50 पौधे 

एमपी हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने एक आपराधिक अवमानना के प्रकरण में आरोपी युवक को दोषी पाते हुए 50 स्वदेशी प्रजाति के पौधे रोपने की सजा सुना दी।

Dec 4, 2024 - 16:22
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एमपी हाईकोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा...15 दिन में लगाओ 50 पौधे 
MP High Court gives a unique punishment...plant 50 trees in 15 days

सोशल मीडिया पर कोर्ट के खिलाफ की थी अनर्गल पोस्ट 

एमपी हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने एक आपराधिक अवमानना के प्रकरण में आरोपी युवक को दोषी पाते हुए 50 स्वदेशी प्रजाति के पौधे रोपने की सजा सुना दी। इसके लिए 15 दिन की समय-सीमा निर्धारित की है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरोपी को बताएंगे कि वह कहां पर किस प्रजाति के पौधे लगा सकता है। साथ ही युवक को चेतावनी दी कि वह भविष्य में ऐसी गलती न दोहराए। 

मामला मुरैना जिले के संबलगढ़ न्यायालय द्वारा भेजे गए पत्र से संबंधित था। जिसमें अवगत कराया गया था कि राजस्थान के जयपुर स्थित त्रिवेणी नगर निवासी आरोपी राहुल साहू के विरुद्ध प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक कुमार के न्यायालय में भरण-पोषण का मामला विचाराधीन था। उसकी पत्नी पूजा राठौर प्रतिवादी है। सात मई, 2024 को पूजा ने न्यायालय को सूचित किया कि राहुल ने उसके और न्यायालय के विरुद्ध अनर्गल टिप्पणी वाली पोस्ट इंटरनेट मीडिया पर अपलोड की है। पूजा ने उस पोस्ट का साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने इस जानकारी को अभिलेख पर लेकर राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। लेकिन न तो जवाब प्रस्तुत किया गया और न ही वह उपस्थिति हुआ। इस तरह अदालत की आपराधिक अवमानना कर दी गई। इस रवैये को आड़े हाथों लेकर आपराधिक अवमानना प्रकरण चलाने हाई कोर्ट को पत्र भेज दिया गया। जब यह मामला हाई कोर्ट में सुनवाई में आया तो कोर्ट रूम में उपस्थित अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ ने सजा के सिलसिले में सुझाव मांगा। इस पर उन्होंने कहा कि युवक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे सुधारात्मक रूप से प्रतीकात्मक सजा दी जा सकती है। इसके अंतर्गत समाज सेवा करना बेहतर होगा। मसलन, भंवरताल पार्क में पौधारोपण कराया जाए। कोर्ट को यह सुझाव पसंद आया। इसी के साथ हाई कोर्ट ने पौधे रोपने की सजा सुना दी।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।