एमपी सरकार की तबादले को लेकर बड़ी नीति आई सामने, मंत्रियों को मिलेगा कर्मचारियों के तबादला करने का अधिकार
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है, जो पिछले दो वर्षों से तबादले की प्रतीक्षा कर रहे थे। जल्द ही राज्य में 'तबादला एक्सप्रेस' को हरी झंडी मिल सकती है।

मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है, जो पिछले दो वर्षों से तबादले की प्रतीक्षा कर रहे थे। जल्द ही राज्य में 'तबादला एक्सप्रेस' को हरी झंडी मिल सकती है। संभावना है कि 22 अप्रैल को होने वाली मंत्री परिषद की बैठक में तबादला नीति 2025 को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद प्रदेश में तबादलों पर लगे प्रतिबंध को हटाकर लगभग 15 दिन से एक महीने तक के लिए तबादलों की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
महेश्वर में हाल ही में आयोजित कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अत्यावश्यक मामलों से जुड़े तबादलों को लेकर आंशिक छूट दी थी, लेकिन तबादलों पर से पूरी तरह प्रतिबंध नहीं हटाया गया था। अब राज्य सरकार इस प्रतिबंध को पूरी तरह हटाने की तैयारी में है। इसके लिए शासन स्तर पर आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
मध्य प्रदेश में तबादला नीति 2025 को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी, जल्द मिल सकती है मंजूरी
मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति का प्रारूप तैयार कर लिया है। हालांकि, मुख्यमंत्री की सलाह पर इसमें कुछ बिंदुओं में संशोधन किया जा रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल के अंत तक इस नीति को राज्य सरकार की मंजूरी मिल जाएगी। प्रस्तावित नीति में स्पष्ट प्रावधान रहेगा कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक समय हो गया है, उन्हें वहां से हटाया जाएगा और अन्य जिलों में पदस्थ किया जाएगा।
सीमित संख्या में तबादलों की अनुमति
सूत्रों के अनुसार, किसी भी विभाग में कुल कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से अधिक का तबादला नहीं किया जाएगा। हालांकि, जिन विभागों में कर्मचारियों की संख्या लाखों में है, वहां इस सीमा में लचीलापन रखा जा सकता है। जो कर्मचारी स्वयं के निवेदन पर तबादला करवाएंगे, उन्हें किसी प्रकार का भत्ता नहीं मिलेगा, जबकि प्रशासनिक कारणों से होने वाले तबादलों पर शासन द्वारा भत्ता प्रदान किया जाएगा।
मंत्रियों को मिलेंगे अधिकार
तबादलों को लेकर मंत्रियों को उनके विभागों में अधिकार दिए जाएंगे। हालांकि, राजपत्रित अधिकारियों के तबादले के लिए मुख्यमंत्री से समन्वय आवश्यक होगा। जिले के अंदर तबादलों का अधिकार जिले के प्रभारी मंत्री को दिया जाएगा, जिनकी अनुशंसा पर जिला कलेक्टर तबादले की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के तबादले होंगे ऑनलाइन
स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए अपना एकीकृत पोर्टल तैयार कर लिया है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जल्द कर सकते हैं। वहीं, शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल 3.0 का उद्घाटन पहले ही हो चुका है।
गौरतलब है कि राज्य में अंतिम बार तबादला नीति वर्ष 2021-22 में लागू की गई थी। अब मोहन सरकार द्वारा नई तबादला नीति 2025 को लागू करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।