मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव:दिग्गजों का चुनाव प्रचार करने परिवार वालों ने संभाला मोर्चा
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव है। प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा छिंदवाड़ा, राजगढ़, विदिशा और गुना सीटों की है, क्योंकि इन हाईप्रोफाइल सीटों से दिग्गज नेता मैदान में हैं।
विरोधियों के खिलाफ 10 साल के पोते से लेकर पत्नी तक मैदान में
मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव है। प्रदेश में सबसे ज्यादा चर्चा छिंदवाड़ा, राजगढ़, विदिशा और गुना सीटों की है, क्योंकि इन हाईप्रोफाइल सीटों से दिग्गज नेता मैदान में हैं। इन नेताओं के लिए अब उनके कार्यकर्ताओं के साथ ही परिजनों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। छिंदवाड़ा सीट से पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे और सांसद नकुलनाथ, विदिशा सीट पर 20 साल बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, राजगढ़ सीट पर करीब 30 साल बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और गुना सीट पर 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हारने के बाद अब भाजपा की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कोई नेता अपनी साख बचाने तो कोई रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कराने के लिए लगातार मेहनत कर रहा है।
छिंदवाड़ा में नाथ परिवार भी उतरा मैदान में-
छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे और मौजूदा सांसद नकुलनाथ को फिर प्रत्याशी बनाया है। यहां पर भाजपा ने बंटी साहू पर दांव लगाया है। इस बार कमलनाथ के करीबियों के भाजपा में शामिल होने मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसे में नकुलनाथ के लिए उनके पिता कमलनाथ, माता और पत्नी भी मैदान में उतर गई है। पूरा परिवार जनता के बीच पहुंच रहा है। पूर्व सीएम कमलनाथ जनता से भावनात्मक अपील कर रहे हैं। इस बार का चुनाव कमलनाथ की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। भाजपा ने उनके गढ़ को भेदने में पूरी जान फूंक दी है।
शिवराज के लिए पत्नी और बेटे उतरे-
विदिशा संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानू शर्मा को टिकट दिया है। इस सीट से शिवराज पांच बार सांसद रहे हैं। यह सीट भाजपा का गढ़ रही है। अब इस सीट से रिकॉर्ड जीत दर्ज करने के लिए शिवराज जोर लगा रहे हैं। उनके लिए उनकी पत्नी साधना सिंह और बेटे कार्तिकेय भी सक्रिय हैं। पूर्व सीएम लगातार क्षेत्र के दौरे कर रहे हैं।
गुना में प्रियदर्शिनी राजे और महाआर्यमन जुटे प्रचार में-
गुना सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने भी यहां पर यादव काट चलकर यादवेंद्र सिंह यादव पर दांव लगाया है। 2019 में सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर गुना संसदीय क्षेत्र से केपी यादव से चुनाव हार गए थे। 2020 में कांग्रेस छोड़ कर वे भाजपा में शामिल हो गए थे। उनको भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बनाने के साथ ही अब गुना से प्रत्याशी बनाया है। सिंधिया के लिए उनकी पत्नी महारानी प्रियदर्शिनी राजे और बेटा महाआर्यमन ने प्रचार का मोर्चा संभाला हुआ है। वे क्षेत्र में लगातार सभाओं में भाग ले रहे हैं और जनता से मिल रहे हैं।
राजगढ़ में पत्नी, बेटाऔर पोता मांग रहा वोट-
कांग्रेस ने राजगढ़ से पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले 1991 में उन्होंने राजगढ़ से लोकसभा का आखिरी चुनाव लड़ा था। इसके बाद अब फिर दिग्विजय सिंह राजगढ़ से मैदान में है। उनका मुकाबला भाजपा सांसद रोडमल नागर से है। केंद्र की योजनाओं और मोदी के नाम पर नागर के चुनाव लड़ने के कारण दिग्विजय सिंह के लिए चुनौती है। उनके बेटे जयवर्धन सिंह विधानसभा का चुनाव 4500 वोटों से जीते हैं। इसी संसदीय क्षेत्र की चाचौड़ा सीट पर उनके भाई लक्ष्मण सिंह विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। अब उनकी पत्नी अमृता सिंह और बेटा जयवर्धन सिंह उनके लिए वोट मांग रहे हैं। साथ ही उनका 10 साल का पोता भी दादा को वोट देने की अपील कर रहा है।