मध्य प्रदेश: शनिचरी अमावस्या के दिन प्रमुख नदियों के घाटों पर दिखा भक्तों का जमावड़ा
शनिचरी अमावस्या के अवसर पर शनिवार को मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों के घाटों और तटों पर श्रद्धालुओं का बड़ा जमावड़ा देखा गया। इस विशेष दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है।

शनिचरी अमावस्या के अवसर पर शनिवार को मध्य प्रदेश की प्रमुख नदियों के घाटों और तटों पर श्रद्धालुओं का बड़ा जमावड़ा देखा गया। इस विशेष दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। राज्य में शनिचरी अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन नदियों के तटों या घाटों पर विशेष पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं से मुक्ति मिलती है।
इस वजह से देर रात से ही श्रद्धालु नदियों के घाटों और तटों पर पहुंचने लगे थे। सुबह होते ही पूजा-पाठ और पवित्र नदियों में स्नान का सिलसिला जोरों पर था। राज्य की प्रमुख नदियाँ जैसे नर्मदा, बेतवा, क्षिप्रा आदि के तटों पर हजारों लोग पूजा में व्यस्त थे और शनिदेव एवं नवग्रह की पूजा की जा रही थी।
-नर्मदा नदी के किनारे, जबलपुर के ग्वारीघाट, तिलवारा घाट और नर्मदा पुरम के सेठानी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। वहीं ओंकारेश्वर के तट पर भी लोग पूजा-अर्चना कर रहे थे। लोग दान-पुण्य के साथ धार्मिक कथाएं सुन रहे थे।
-बेतवा नदी के तट पर ओरछा और अन्य स्थानों पर भी श्रद्धालु विशेष अनुष्ठानों में भाग ले रहे थे।
-शिप्रा नदी के किनारे उज्जैन के रामघाट और त्रिवेणी घाट पर भी भक्तों का जमावड़ा था, जहां पूजा-पाठ और श्रद्धालु अनुष्ठान किए जा रहे थे।
राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों से होकर बहने वाली नदियों के तटों और प्रमुख जल स्रोतों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। सभी लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए पूजा-अर्चना में व्यस्त थे।
इस अवसर पर लोग पुराने कपड़े, सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान कर रहे थे और जरूरतमंदों की मदद के लिए सामग्री प्रदान कर रहे थे।