Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा
मकर संक्रांति के पर्व को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में खास उत्साह देखने को मिलता है। यह पर्व ही ऐसा है जो हर उम्र के लोगों में जोश और उत्साह को भर देता है। मकर संक्रांति पर्व का हिन्दू धर्म में खास महत्व है।

मकर संक्रांति के पर्व को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में खास उत्साह देखने को मिलता है। यह पर्व ही ऐसा है जो हर उम्र के लोगों में जोश और उत्साह को भर देता है। मकर संक्रांति पर्व का हिन्दू धर्म में खास महत्व है। इस दिन गंगा स्नान के साथ ही नर्मदा स्नान का भी महत्व है। दान पुण्य करने के लिए यह दिन बेहद खास होता है। जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसके साथ ही माना जाता है कि इस त्योहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि देव का संबंध इस पर्व से होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह दोनों की ग्रह का संबंध लोगों की जिंदगी से है। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में ये दोनों ग्रह खराब है। उन्हें इस खास मौके पर इन दोनों की देवों की आराधना करनी चाहिए। इससे उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी।
यह है शुभ मुहूर्त
उदयामान तिथि के आधार पर, मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य मकर राशि में सुबह 8:41 बजे प्रवेश करेंगे। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से लेकर शाम 5:46 बजे तक रहेगा, जबकि महापुण्य काल सुबह 9:03 बजे से 10:48 बजे तक रहेगा।
इस दिन किया गया दान देता है अच्छे फल
मकर संक्रांति के दिन लोग खिचड़ी का दान करते हैं। इसके साथ ही तिल और उससे बने पकवानों का दान करते हैं। कहते हैं कि इस दिन दान अवश्य करना चाहिए। सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर राशि के स्वामी शनि है। सूर्य का शनि से मिलन मकर राशि में अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के फल देते हैं।
यदि व्यक्ति की राशि में शनि देव की स्थिति मजबूत है तो उन्हें बेहतर फल की प्राप्ति होती है, वहीं यदि उनका शनि दुर्बल स्थिति में हैं तो उन्हें इसके दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन दान करके अपने ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।