मन्नत का रेनोवेशन अटका, शाहरुख खान पर लगे कई आरोप
शाहरुख खान अपने आलीशान बंगले 'मन्नत' में बड़े पैमाने पर रेनोवेशन और एक्सटेंशन का काम करवाने की योजना बना रहे हैं। इस रेनोवेशन पर कानूनी अड़चन आ सकती है, क्योंकि एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस पर आपत्ति जताते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में शिकायत दर्ज कराई है।

शाहरुख खान अपने आलीशान बंगले 'मन्नत' में बड़े पैमाने पर रेनोवेशन और एक्सटेंशन का काम करवाने की योजना बना रहे हैं। इस कार्य की शुरुआत मई में होने वाली है, और इस दौरान उनका परिवार कुछ महीनों के लिए किराये के दो डुप्लेक्स फ्लैट में रहेगा। हालांकि, अब इस रेनोवेशन पर कानूनी अड़चन आ सकती है, क्योंकि एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस पर आपत्ति जताते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में शिकायत दर्ज कराई है।
हाल ही में खबर आई थी कि शाहरुख खान ने अपने बंगले 'मन्नत' के रेनोवेशन के लिए सभी आवश्यक मंजूरी ले ली है। चूंकि 'मन्नत' एक ग्रेड-3 हेरिटेज प्रॉपर्टी है, इसलिए वे अपनी मर्जी से इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। इसी कारण उन्होंने महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) और तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) से रेनोवेशन की अनुमति प्राप्त की है। हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर का दावा है कि शाहरुख ने नियमों का उल्लंघन किया है।
चार हफ्ते के भीतर पेश करें सबूत
'बार एंड बेंच' की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर से कहा है कि वे अपने दावे के समर्थन में चार हफ्ते के भीतर सबूत पेश करें। न्यायिक सदस्य दिनेश कुमार सिंह और विशेषज्ञ सदस्य विजय कुलकर्णी की समिति ने स्पष्ट किया कि यदि परियोजना प्रस्तावक या MCZMA द्वारा कोई नियमों का उल्लंघन किया गया है, तो इसका प्रमाण निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। अन्यथा, अपील को खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
संतोष दौंडकर ने लगाए ये आरोप
- सामाजिक कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने शाहरुख खान के खिलाफ अपील में उनके छह मंजिला बंगले 'मन्नत' में दो और मंजिलें जोड़ने की योजना पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) की मंजूरी की वैधता को लेकर भी आपत्ति जताई है।
- संतोष दौंडकर का आरोप है कि शाहरुख खान का CRZ नियमों के उल्लंघन का पुराना रिकॉर्ड है। उनका दावा है कि अभिनेता ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOF & CC) से जरूरी पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी लिए बिना दो 'हेरिटेज स्ट्रक्चर' को ध्वस्त कर दिया।
- उनकी याचिका के अनुसार, जिस प्लॉट पर 'मन्नत' स्थित है, वह मूल रूप से एक आर्ट गैलरी के लिए आरक्षित था, जिसे MCZMA की अनुमति के बिना हटा दिया गया। कार्यकर्ता का यह भी आरोप है कि शाहरुख ने MCZMA की अनिवार्य अनुमति के बिना 'ग्राउंड फ्लोर के ऊपर छह मंजिला इमारत' का निर्माण किया।
इसके अलावा, संतोष दौंडकर ने 'मन्नत' में अवैध अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन और भूजल व लघु खनिजों के अवैध निष्कर्षण का आरोप लगाया, जो CRZ नियमों के तहत प्रतिबंधित है। उन्होंने यह भी दावा किया कि शाहरुख खान ने 'सामूहिक आवास' के लिए स्वीकृत 12 बीएचके फ्लैट्स को मिलाकर एक लग्जरी घर बना लिया, जो शहरी भूमि (छत और विनियमन) अधिनियम, 1976 का उल्लंघन है।
मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को
हालांकि, NGT ने पाया कि संतोष दौंडकर द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज 2000 से 2006 के बीच हुए उल्लंघनों से संबंधित हैं, जबकि नए रेनोवेशन के लिए CRZ की मंजूरी जनवरी 2025 में दी गई थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।