रक्षाबंधन के दिन कई शुभ योग, जानिए किस समय बांधे राखी  

इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन एक साथ कई तरह के शुभ योग बन रहे हैं। रक्षाबंधन के दिन रवि और सर्वार्थ सिद्ध योग का संयोग रहेगा। इसके अलावा इस दिन सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में ही गोचर करेंगे। वहीं शनिदेव जो कि न्याय और कर्म के देवता हैं अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहते हुए शश नाम के राजयोग बनाए हुए हैं।

Aug 18, 2024 - 14:46
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रक्षाबंधन के दिन कई शुभ योग, जानिए किस समय बांधे राखी  
Many auspicious yogas on the day of Rakshabandhan, know at what time to tie Rakhi

इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन एक साथ कई तरह के शुभ योग बन रहे हैं। रक्षाबंधन के दिन रवि और सर्वार्थ सिद्ध योग का संयोग रहेगा। इसके अलावा इस दिन सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में ही गोचर करेंगे। वहीं शनिदेव जो कि न्याय और कर्म के देवता हैं अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहते हुए शश नाम के राजयोग बनाए हुए हैं। इसके अलाव बुध और शुक्र भी सिंह राशि में होकर बुधादित्य और शुक्रादित्य राजयोग बना रहे हैं। 19 अगस्त सोमवार को रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार है। हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार का विशेष महत्व होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। ऐसी मान्यता है जब भी भद्रा होती है तो इस दौरान राखी बांधना शुभ नहीं होता है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया 7 घंटे और 39 मिनट तक रहेगा। दरअसल इस वर्ष रक्षाबंधन पर सुबह से भद्रा का समय शुरू हो जाएगा जो दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इस तरह से भद्राकाल की समाप्ति के बाद ही राखी बांधना शुभ होगा। 

रक्षाबंधन के साथ सावन माह की पूर्णिमा तिथि-

रक्षाबंधन के त्योहार के साथ कल ही सावन माह की पूर्णिमा तिथि भी पड़ रही है। साथ ही सावन का सोमवार होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 03 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी। श्रावण माह की पूर्णिमा का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन कुछ उपाय करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है। 

ये काम करें-

- रुद्राभिषेक करें
- भगवान शिव और लक्ष्मी-नारायण की उपासना करें
- दक्षिणावर्ती शंख का पूजन करें
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
- चंद्रमा को अर्घ्य दें और पूजा करें
- दान जरूर करें

क्या है राखी बांधने का सही मुहूर्त-

रक्षाबंधन पर राखी हमेशा भद्रा रहित काल में ही बांधी जाती है। इस बार दोपहर 01 बजकर 30 मिनट तक भद्राकाल रहेगी, ऐसे में राखी बांधने का सही समय दोपहर के बाद ही है। बहनें अपने भाईयों को दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से लेकर रात के 9 बजे तक राखी बांध सकती हैं। 

राशि अनुसार दें उपहार-

मेष- इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं। ऐसे में मंगल का प्रभाव इस राशि पर सबसे ज्यादा रहता है। अगर आपकी बहन की राशि मेष है तो उसे कोई धातु से बनी चीजों को उपहार में दें।
वृषभ- वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्रदेव होते हैं ऐसे में जिन भाईयों की बहन की राशि वृषभ है वे उन्हे उपहार में शुक्र ग्रह से संबंधित चीजों को दें। जैसे परफ्यूम या कोई चमक-धमक वाली चीज।
मिथुन- इस राशि क स्वामी ग्रह बुधदेव होते हैं ऐसे में अगर आपकी बहन की राशि मिथुन है तो उन्हें पेन, काफी-किताब या हरे रंग का कोई उपहार दें।
कर्क- कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्र देव होते हैं। ऐसे में अगर जिन बहनों की राशि कर्क राशि है उन्हें चांदी से बनी चीजें देनी चाहिए।
सिंह- इस राशि के स्वामी ग्रह सूर्यदेव होते हैं। ऐसे में आप अपनी बहन को सोने से बने आभूषण उपहार में दे सकते हैं। 
कन्या- इस राशि के स्वामी ग्रह बुधदेव होते हैं। ऐसे में अपनी बहन को आपक हरे रंग की कोई खूबसूरत ड्रेस दे सकते हैं। 
तुला- जिन बहनों की राशि तुला होती है उन्हें उपहार में कोई परफ्यूम दे सकते हैं। 
वृश्चिक- जिन बहनों की राशि वृश्चिक है उनके भाई उन्हें लाल रंग का कोई उपहार दें।
धनु और मीन- इन दोनों ही राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति होते हैं। ऐसे में बहनों को सोने के आभूषण या किताबें उपहार में दे सकते हैं। 
मकर और कुंभ- मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनिदेव होते हैं। ऐसे में आप अपनी बहनों को लैपटॉप या फिर कोई वाहन उपहार में दे सकते हैं।

आइए जानते हैं क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-

दोपहर 01 बजकर 34 मिनट से लेकर रात्रि 09 बजकर 07 मिनट तक
अवधि : 7 घंटे 32 मिनट
रक्षाबंधन अपराह्न मुहूर्त-13:42 से 16:19 मिनट तक
रक्षाबंधन प्रदोष मुहूर्त- 18:56 मिनट से 21:07 मिनट तक

रक्षाबंधन पर क्या रहेगा भद्राकाल का समय-

भद्रा काल की शुरुआत-  19 अगस्त सुबह 2 बजकर 21 मिनट पर
भद्रा काल का अंत- 19 अगस्त दोपहर 01 बजकर 31 मिनट पर
भद्रा काल पूंछ- सुबह 09 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट पर
भद्रा काल मुख- सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट पर