High-Tech श्राद्ध,ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा
अब पितृकर्म में भी तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। समय के साथ High-Tech हो रहे समाज को पूर्वजों का श्राद्ध कराने के लिए कई वेबसाइट्स ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा दे रही हैं।
जिस तरह भगवान की कृपा के बिना व्यक्ति जीवन में तरक्की नहीं कर सकता। उसी तरह अगर आपके पितर आपसे नाराज हैं, तो भी आपके कार्यों में कोई न कोई रुकावट आती ही रहती है। इसके अलावा अगर आप बार-बार पितरों की अवेहलना करते हैं,तो आप पर पितृदोष भी लग सकता है। इसलिए पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।ऐसी पौराणिक मान्यता है।
पितृदोष से मुक्ति के लिए अब पितृकर्म में भी तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। समय के साथ High-Tech हो रहे समाज को पूर्वजों का श्राद्ध कराने के लिए कई वेबसाइट्स ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा दे रही हैं। इन वेबसाइट्स के जरिये विदेश में रह रहे भारतीय भी पिंडदान कर सकते हैं। शहर से दूर रह रहे लोगों के लिए यहां के पंडे-पुजारी भी पितृपक्ष में ऑनलाइन श्राद्ध व पितृकर्म करा रहे हैं। विदेश में या देश मे ही दूरस्थ स्थानों पर निवासरत लोग ऑनलाइन पिंडदान की इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
लैपटॉप,मोबाइल से मिल रही सुविधा
गौरीघाट में कई पुजारी व पंडा देश-विदेश में बैठे लोगों का ऑनलाइन श्राद्ध और तर्पण करा रहे हैं। यह सब लैपटॉप या मोबाइल फोन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होता है मुंबई दिल्ली कोलकाता असम बेंगलुरु के अलावा नेपाल यूके अमेरिका में बैठे लोग भी जबलपुर में पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण कर रहे हैं।
शुभ मुहूर्त पर कनेक्ट
ऑनलाइन श्राद्ध की इस प्रक्रिया में ब्राह्मण अपने यजमान के साथ मुहूर्त के समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप्लीकेशन से कनेक्ट होते हैं। अथवा मोबाइल पर जुड़ते हैं।पुजारी उन्हें तर्पण व श्राद्ध की विधि समझाकर मंत्रोच्चार कर पितृकर्म सम्पन्न करा रहे हैं।कोई व्यक्ति अगर पितृदोष से पीड़ित रहता है,तो वे कई बीमारियों का घिरा रहता है।साथ ही करियर में मेहनत के बाद भी उसे सफलता नहीं मिल पाती हैं।