एमपी के 12 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के मेडिकल सिस्टम को और मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रही है।
पीपीपी मॉडल के तहत होगा इनका निर्माण
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार प्रदेश के मेडिकल सिस्टम को और मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रही है। यही कारण है कि सूबे की सरकार ने प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य रखा है। इसी को देखते हुए सरकार अलग-अलग योजनाओं पर काम कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश में इसी साल 12 मेडिकल कॉलेज पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत चालू किए जाने की सरकार की योजना है।
प्रधानमंत्री का मानना है कि आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की नींव स्वस्थ नागरिकों से बनती है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक, चाहे वह शहर में हो या दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में, उन्नत चिकित्सा सेवाओं तक आसानी से पहुंच सके। इसी उद्देश्य से राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे ये केंद्र जिला अस्पतालों के समान उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान
30 हजार पदों पर होगी भर्ती-
मुख्यमंत्री का कहना है कि मप्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और विस्तृत बनाना प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के स्वस्थ भारत सशक्त भारत के दृष्टिकोण के तहत चिकित्सा शिक्षा का भी तेजी से विस्तार कर रही है। मप्र में वर्तमान में 17 सरकारी और स्वशासी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। हाल में सिवनी, नीमच, और मंदसौर में नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन शुरू हुआ है और 8 अन्य मैडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पब्लिक फाइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत 12 और मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई है, जिससे प्रदेश में विकित्सा विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुरूप राज्य में शीघ्र ही 30 हजार से अधिक चिकित्सकीय और सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर की भर्ती की जाएगी।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ नेटवर्क
सरकार की लगातार कोशिशों के कारण प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ नेटवर्क है। राज्य के सभी जिला और सिविल अस्पतालों में अब 132 प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80 प्रकार की जांच की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी जिला अस्पतालों में 530 प्रकार की दवाएं, सिविल अस्पतालों में 448, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 373 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 299 प्रकार की दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।