मोदी सरकार ने यासीन मलिक के संगठन पर लगाया प्रतिबंध
मोदी सरकार ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने एलान किया कि पांच साल के लिए 'जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट' एक गैरकानूनी संगठन रहेगा।
मोदी सरकार ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने एलान किया कि पांच साल के लिए 'जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट' एक गैरकानूनी संगठन रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है। सरकार ने जेल में बंद आतंकवादी यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार धड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
साल 2019 में लगा था प्रतिबंध-
2019 में गृह मंत्रालय ने आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। इस कदम से कुछ दिन पहले ही सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के तहत जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया था।
इन पर भी प्रतिबंध-
एक अलग अधिसूचना में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जे-के पीपुल्स लीग के चार धड़ों, जेकेपीएल (बशीर अहमद तोटा), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान), जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा),और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल (अजीज शेख) पर भी प्रतिबंध लगाया है।
भारत की अखंडता के लिए खतरा पैदा किया-
शाह ने कहा, मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) का एलान किया है। यासीन मलिक गुट को अगले पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संगठन के रूप में नामित किया गया है। आतंकवाद के जरिए जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग ने जम्मू कश्मीर को अलग थलग करने और उसे बढ़ावा देकर भारत की अखंडता के लिए खतरा पैदा किया है। एक अन्य पोस्ट में कहा, 'मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों के प्रति कठोर बनी रहेगी।'