मोक्ष प्राप्ति, मनोकामना पूर्ति के लिए बेहद खास है मोहिनी एकादशी
हर माह दो एकादशी पड़ती हैं। इसमें कुछ लोग बड़े नियम धर्म से व्रत करके मनाते हैं। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति मोह माया के जंजाल से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है।
हर माह दो एकादशी पड़ती हैं। इसमें कुछ लोग बड़े नियम धर्म से व्रत करके मनाते हैं। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति मोह माया के जंजाल से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। इतना ही नहीं इस एक वत से जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस बार मोहिनी एकादशी 19 मई रविवार को पड़ रही है। इस दिन खास महत्व है। जो इस दिन व्रक करके इसके नियमों का पालन करता है उसे हजार गायों के दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
- ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से दुःख, दर्द दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्त होती है।
- मोहिनी एकादशी व्रत करने से लोगों को धन, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा और आराधना की जाती है।
- मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत को आम लोग ही नहीं, बल्कि पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्राएं भी करते हैं।
- मोहिनी एकादशी का पौराणिक महत्व है। इस दिन श्रद्धा के साथ मोहिनी एकादशी व्रक का पालन करने से पुण्य की प्राप्ति होने के साथ ही अच्छे कर्म मिलते हैं। दान देने से कई यज्ञों को करने के सामान फल की प्राप्ति होती है।
- इस दिन केले के पेड़ के समक्ष घी का दीपक अर्पित करते हैं। विधि- विधानपूर्वक पूजा- आराधना करने से आर्थिक संकट समाप्त होगा। दरिद्रता दूर होगी।
- मोहिनी एकादशी तिथि के दिन अगर आप पीपल के पत्ते पर श्रीहरि लिखकर 21 पत्तों को भगवान श्रीहरि विष्णु के चरणों में अर्पिक करते हैं तो सभी बिगड़े काम बनेंगे। आपको शुभ समाचार प्राप्त होगा।
- इस दिन ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करने का महत्व है। स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करना चाहिए। चावल और दूध की खीर का भोग लगाना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होकर मनचाहा वर प्रदान करते हैं।
भूलकर भी न करें ये गल्तियां
- मोहिनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए।
- मोहिनी एकादशी का उपवास निर्जला रखना चाहिए। इस दिन पानी भी नहीं पीना चाहिए। रविवार के दिन एकादशी पड़ रही है। तो इस दिन तुलसी में भी जल अर्पित न करें। क्योंकि इस दिन तुलसी जी भी निर्जला व्रत रखती हैं।
- सुबह जल्दी स्नान करें और साबुन का इस्तेमाल न करें।
- इस दिन चावल से बनी चीजों का सेवन न करें।
- भगवान विष्णु को जब भोग लगाएं तो तुलसी की पत्तियां जरूर डालना चाहिए।
- तामसिक चीजों मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पूजा-पाठ और धर्म से जुड़े कार्य करना चाहिए। गरीबों को दान करना चाहिए।