लैंगिक समानता के लिए तकनीकी समानता पर ज्यादा जोरः स्मृति ईरानी

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी समानता पर जोर दिया।

Mar 5, 2025 - 15:12
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लैंगिक समानता के लिए तकनीकी समानता पर ज्यादा जोरः स्मृति ईरानी
More emphasis on technical equality for gender equality: Smriti Irani

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी समानता पर जोर दिया। इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स सम्मेलन में महिला सशक्तीकरण पर अपने भाषण में ईरानी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में मौजूद प्रणालीगत पक्षपात पर चर्चा की और इस असमानता को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयासों की अपील की।

एआई क्या करेगा-

ईरानी ने कहा कि सभी पक्षों को महिला सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिजिटल समानता को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज एआई के दौर में पुरुषों और महिलाओं के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि यह मानवता के सामने एक बड़ा सवाल है कि एआई हमारे साथ क्या करेगा? एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया के 133 एआई सिस्टम में से 44 प्रतिशत सिस्टम लैंगिक समानता को सुनिश्चित नहीं करते हैं। स्मृति ईरानी ने एआई आधारित वित्तीय प्रणालियों में लैंगिक असमानता का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि एक महिला, जिसकी आय, टैक्स रिटर्न और वित्तीय स्थिति उसके पति के समान है, उसे 10 प्रतिशत कम क्रेडिट लिमिट दी जाती है, जबकि दूसरी महिला को पति से 20 गुना कम क्रेडिट सीमा दी जाती है, जबकि दोनों की वित्तीय स्थिति समान है। उन्होंने एआई संचालित उपभोक्ता व्यवहार में मनोवैज्ञानिक हेरफेर की ओर भी इशारा किया। ईरानी ने कहा कि महिलाओं द्वारा खरीदी जाने वाली 72 प्रतिशत उपभोक्ता टिकाऊ और जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं, अधिक खर्च करने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं, जबकि उन्हें ऑनलाइन निवेश पर 33 प्रतिशत कम सलाह मिलती है। उन्होंने डिजिटल युग में उपभोक्ता व्यवहार, विशेषकर महिलाओं के बारे में शोध करने का आग्रह किया।

महिलाओं का एनपीए रिकॉर्ड बेहतर-

स्मृति ईरानी ने भारत की वित्तीय प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि जनधन योजना और मुद्रा योजना जैसी पहलों ने लाखों महिलाओं को सशक्त किया है। उन्होंने यह भी बताया कि बैंकरों का कहना है कि महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसायों का एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) 1.8 से 1.9 प्रतिशत होता है, जबकि पुरुषों के व्यवसायों में यह 2.3 प्रतिशत होता है। इसके अलावा, उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में मौजूद असमानता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि बैंक खातों के स्वामित्व में कोई लैंगिक असमानता नहीं है, लेकिन महिलाओं को अपनी बचत के मुकाबले केवल 28 प्रतिशत ऋण मिलता है, जबकि पुरुषों को यह 52 प्रतिशत मिलता है, हालांकि महिलाओं का एनपीए रिकॉर्ड बेहतर है। स्मृति ईरानी ने भारत के आईटी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका और शून्य के योगदान की बात करते हुए कहा कि भारत को यह दिखाना चाहिए कि कैसे तकनीक में समानता हासिल की जा सकती है। उन्होंने बताया कि दुनियाभर में एआई पेशेवरों में केवल 22 प्रतिशत महिलाएं हैं, और उनमें से सिर्फ 17 प्रतिशत महिलाएं नेतृत्वकारी भूमिकाओं में हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि डिजिटल दुनिया को समान बनाना हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में समावेशी तकनीकी सहायता जरूरी है।