दमोह के स्वदेशी मेले से मुस्लिम दुकानदारों को निकाला
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के तहसील मैदान में विगत 14 नवंबर से आयोजित स्वदेशी मेला अब विवादों में घिर गया है।
नाराज व्यापारियों ने आयोजकों पर लगाए धार्मिक भेदभाव के आरोप
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के तहसील मैदान में विगत 14 नवंबर से आयोजित स्वदेशी मेला अब विवादों में घिर गया है। दरअसल मेले में दुकान लगाने वाले दूसरे सूबों के मुस्लिम व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें मेले से निकाला जा रहा है। जबकि आयोजकों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि ऐसा नहीं है, वेंडर के माध्यम से जो व्यापारी मेले में दुकान लगाए थे, वेंडर ही उन्हें कही दूसरे मेले में पहुंचा रहा है।
क्या कहते हैं मुस्लिम व्यापारी-
यूपी के आगरा से दमोह मेले में दुकान लगाने पहुंचे मोहम्मद राशिद, कश्मीर के शाहिद, लखनऊ और सागर के मुस्लिम व्यापारियों का कहना है कि उन्हें मेले में बुलाया गया था। वह पांच दिन पहले यहां आ गए थे। तीन-चार दिन से वह अपनी दुकानें संचालित कर रहे थे। अचानक रविवार शाम को आयोजन समिति के कुछ लोग आए और कहने लगे कि यहां समुदाय विशेष के लोगों को दुकान लगाने की अनुमति नहीं है, वह अपनी दुकान समेटकर चले जाएं। राशिद के मुताबिक करीब आठ से 10 दुकानदारों को मेले से हटाया गया है। हालांकि मेले से अपनी दुकानें समेटने के बाद मुस्लिम दुकानदारों द्वारा लिखित रूप से कहीं पर कोई शिकायत नहीं की गई। वहीं, दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि उनके पास कोई लिखित शिकायत नहीं आई है।
ऐसा कुछ नहीं हुआ-
स्वदेशी मेला के सहसंयोजक श्रीराम पटेल का कहना है कि मेले में इस तरह की कोई बात नहीं हुई है। आयोजकों द्वारा किसी के लिए भी नहीं हटाया गया है। यहां मेले में जो दुकान आई थी, वह वेंडर के माध्यम से आई थी। मुझे पता चला है कि किसी वेंडर ने ही उन दुकानदारों को किसी दूसरे मेले में शिफ्ट किया है।