नर्मदा महोत्सव: स्वर लहरियों से गूंजी संगमरमरी वादियां

संगमरमरी चट्टानों के बीच माँ नर्मदा की अथाह जलराशि को समेटे भेड़ाघाट में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का मंगलवार शाम शानदार शुभारंभ हुआ।

Oct 16, 2024 - 14:34
Oct 16, 2024 - 14:42
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नर्मदा महोत्सव: स्वर लहरियों से गूंजी संगमरमरी वादियां
Narmada Mahotsav: Marble valleys resonate with sound waves

पहले दिन प्रख्यात गायिका मालिनी अवस्थी के गायन ने मोहा मन

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर

संगमरमरी चट्टानों के बीच माँ नर्मदा की अथाह जलराशि को समेटे भेड़ाघाट में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव का मंगलवार शाम शानदार शुभारंभ हुआ। सुर-ताल और रास-रंग से सजी नर्मदा महोत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण प्रख्यात पार्श्व गायिका मालिनी अवस्थी का कर्णप्रिय गायन रहा। धुआंधार जलप्रपात की वजह से विश्व के पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान बना चुके भेड़ाघाट में शरद पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार 21वाँ वर्ष है। महोत्सव का शुभारंभ परम्परा के मुताबिक जीवनदायनी माँ नर्मदा के पूजन से हुआ। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी थे। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, विधायक नीरज सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष सुभाष तिवारी रानू, भेड़ाघाट नगर परिषद के अध्यक्ष चतुर सिंह, भेड़ाघाट नगर परिषद के उपाध्यक्ष जगदीश दहिया एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। विधायक संतोष वरकड़े एवं संभागायुक्त अभय वर्मा भी मौजूद रहे। 

ऐसे आयोजन भारतीय संस्कृति के संवाहक-

पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि नर्मदा महोत्सव जैसे गरिमापूर्ण कार्यक्रमों की निरंतरता को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासों की आवश्यकता होती है। उन्होंने लगातार 21 वर्षों से नर्मदा महोत्सव के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। राज्यमंत्री ने भेड़ाघाट में पर्यटन की असीम संभावनाएं बताते हुये कहा कि यह क्षेत्र मां नर्मदा के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने नर्मदा महोत्सव जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति को आगे ले जाने और उभारने का कार्य करते हैं, जो संपूर्ण विश्व के कल्याण के साथ उदारता, समरसता धर्म के साथ व्यापक लोकहित आदि मूल्यों को समाहित किए हुए है और जहां संकीर्णता का कोई स्थान नहीं है। 

भजन, क्लासिकल गीत ही हों-

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि नर्मदा महोत्सव को और भी संस्कारित रूप से आगे बढ़ाना है। नर्मदा महोत्सव में भजन, क्लासिकल गीत ही हों फिल्मी गीत न हों ताकि मां नर्मदा की गरिमा बनी रहे।  क्षेत्रीय विधायक नीरज सिंह ने कहा कि यह सौभाग्य है कि नर्मदा महोत्सव का एक अद्भुत व अविस्मरणीय कार्यक्रम भेड़ाघाट में हो रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की गरिमा को बनाए रखने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। 

संगीतमय प्रस्तुतियों ने जीता दिल-

महोत्सव के पहले दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत में सांस्कृतिक संस्कारधानी की प्रसिद्ध लोक कलाकार सुश्री नेहा विश्वकर्मा एवं उनके समूह ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली कड़ी में केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के कलाकारों ने मनमोहक लोक नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद मुम्बई से आये भजन गायक रवि त्रिपाठी की भजनों की संगीतमय प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोह लिया। सांस्कृति कार्यक्रमों की अंतिम प्रस्तुति पार्श्व गायिका लखनऊ की मालिनी अवस्थी का गायन था। गायिका मालिनी अवस्थी अपने मधुर गायन द्वारा श्वेत संगमरमरी चट्टानों से प्रतिबिम्बित हो रही चांदनी की शीतलता को श्रोताओं की हृदय पर उकेर रहीं थीं। शांति और शीतलता के इस संयोग ने श्रोताओं को आनंद विभोर कर दिया। महोत्सव में पधारे श्रोता प्रसन्नता से झूम उठे और भेड़ाघाट का विश्वप्रसिद्ध नर्मदा तट श्रोताओं की तालियों की थाप से गुंजायमान हो गया।

गायक हरिहरन का गायन आज शाम-

नर्मदा महोत्सव के दूसरे और समापन दिवस पर बुधवार 16 अक्टूबर को सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक मुम्बई के हरिहरन की सुरीली आवाज संगमरमरी वादियों में गूंजेगी। नर्मदा महोत्सव के दूसरे दिनों के कार्यक्रमों का आगाज भी शाम 7 बजे मॉं नर्मदा की पूजा-अर्चना से होगा। नर्मदा महोत्सव के समापन दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत शाम 7.30 बजे संस्कृति कला केंद्र जबलपुर की ओर से सुश्री झील सिंह एवं उनके समूह के कलाकारों द्वारा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति से होगी। शाम 7.45 बजे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली के कलाकार लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद रात्रि 8 बजे पं. मनीष शुक्ला द्वारा गजल गायन होगा तथा रात 9 बजे से प्रख्यात पार्श्व गायक हरिहरन द्वारा सुगम संगीत एवं गजल गायन की प्रस्तुति दी जायेगी।

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