लोकसभा में नया आयकर बिल 2025 पेश, विधेयक में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 622 पन्ने
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर बिल 2025 पेश किया। यह बिल आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए तैयार किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे दी थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर बिल 2025 पेश किया। यह बिल आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए तैयार किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे दी थी। नए आयकर विधेयक में 536 धाराएं और 23 अध्याय हैं, और यह 622 पन्नों का है। इस विधेयक के पारित होने के बाद नया आयकर कानून अधिक व्यवस्थित और सरल होगा, जो वर्तमान कानून की तुलना में आसान होगा।
क्या-क्या बदल जाएगा-
नए आयकर कानून में मूल्यांकन वर्ष की अवधारणा समाप्त कर दी जाएगी। इस विधेयक के लागू होने के बाद यह 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा, जो समय के साथ और विभिन्न संशोधनों के कारण काफी जटिल हो गया था। नए कानून में पिछले वर्ष (एफवाय) शब्द को बदलकर कर वर्ष कर दिया गया है और मूल्यांकन वर्ष (एवाय) की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है। वर्तमान में, पिछले वर्ष (2023-24) में अर्जित आय के लिए, कर का भुगतान निर्धारण वर्ष (2024-25) में किया जाता है, वह अब नए विधेयक में समाप्त कर दिया जाएगा और केवल कर वर्ष की अवधारणा रखी जाएगी। आयकर विधेयक 2025 में 536 धाराएं शामिल हैं, जबकि वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 में 298 धाराएं थीं। पुराने कानून में 14 अनुसूचियां थीं, जो अब बढ़कर 16 हो जाएंगी। हालांकि, नए आयकर विधेयक में भी वर्तमान कानून की तरह 23 अध्यायों की संख्या वही रखी गई है, लेकिन इसकी पृष्ठ संख्या 622 हो गई है, जो पुराने अधिनियम के लगभग आधे के बराबर है। वर्तमान आयकर कानून में पिछले छह दशकों में किए गए कई संशोधन शामिल हैं, और जब आयकर अधिनियम, 1961 लाया गया था, तो उसमें 880 पृष्ठ थे।