चरगवां दर्दनाक हादसे में नया खुलासा

चरगवां में हुए दर्दनाक हादसे में नया खुलासा हुआ है। हादसे का शिकार हुआ चौकीताल इलाके का पटेल परिवार नरसिंहपुर के दादा महाराज दूल्हा देव के दर्शन और पूजन के लिए गया था।

Apr 11, 2025 - 16:17
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चरगवां दर्दनाक हादसे में नया खुलासा
New revelation in Chargawan tragic accident
  • बकरा और मुर्गा को प्रतीकात्मक अर्पित कर लौट रहे थे मृतक
  • कार से लाशों और घायलों को निकालने के दौरान मिला मरा हुआ मुर्गा

जबलपुर- चरगवां में हुए दर्दनाक हादसे में नया खुलासा हुआ है। हादसे का शिकार हुआ चौकीताल इलाके का पटेल परिवार नरसिंहपुर के दादा महाराज दूल्हा देव के दर्शन और पूजन के लिए गया था। वहां विधि विधान से पूजन करने के बाद सभी लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से बकरा और मुर्गे को दादा महाराज को अर्पित भी किया। पूजन अनुष्ठान खत्म करने के बाद सभी अपनी सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार में सवार होकर जबलपुर के लिए रवाना हुए थे। तेज रफ्तार स्कॉर्पियो जैसे ही चरगवां से आगे निकलकर सोमती नदी के पुल के समीप पहुंची तभी ड्राइवर ने कार से अपना नियंत्रण खो दिया और पल भर में ही तेज रफ्तार सफेद रंग की स्कॉर्पियो कार सोमती नदी के पुल से नीचे जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में कार सवार 6 में से 4 युवकों की मौके पर ही मौत होगी जबकि दो घायलों को गंभीर चोटे आई हैं।

कार में मिला मरा हुआ मुर्गा -

हादसे के बाद बड़ी तादाद में पहुंचे स्थानीय ग्रामीणों ने कार सवार लोगों को बचाने की कोशिश की लेकिन हादसा इतना भीषण था कि कार में बैठे 6 में से 4 युवकों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। स्थानीय ग्रामीणों को कार से शवों और घायलों को निकालने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ी। मृतकों और घायलों को बाहर निकालने के दौरान कार के भीतर से एक ज़िंदा बकरा एक मरा हुआ मुर्गा भी निकला। माना जा रहा है कि चौकीताल इलाके का रहने वाला पटेल परिवार अपनी अच्छी फसल की मन्नत के पूरी होने के चलते दूल्हा देव के दर्शन और पूजन अर्चन करने गया था। दूल्हा देव महाराज के दरबार में मान्यता और परंपरा के मुताबिक उन्होंने बकरा और  मुर्गे को सांकेतिक रूप से अर्पित भी किया और पूजन अनुष्ठान खत्म कर वापस लौटने के दौरान हादसे के शिकार हो गए।

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बलिए की खबरों पर परिजनों ने जताया ऐतराज -

गुरुवार की शाम को हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद लगातार इस बात की खबरें सामने आ रही थी कि कार सवार सभी युवक बकरे को लेकर बलि देने जा रहे थे। बलि से संबंधित खबरों पर मृतकों और घायलों के परिजनों ने कड़ा ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि दूल्हा देव महाराज का दरबार सिद्ध स्थान है जहां सदियों से पूजन अनुष्ठान और प्रतीकात्मक रूप से बकरे को अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है। ऐसे में यह कहना गलत है कि उनके परिजन बकरे की बलि देकर लौट रहे।