जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ अब न हो कोई कार्रवाई:हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के निजी स्कूलों के विरुद्ध जांच पूरी होने तक सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट ने कहा...जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा जिला प्रशासन
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के निजी स्कूलों के विरुद्ध जांच पूरी होने तक सख्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि जांच पूरी होने के बाद नजीतों के आधार पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन स्वतंत्र होगा। यह व्यवस्था देने के साथ याचिका का पटाक्षेप कर दिया गया।
जबलपुर की आधा दर्जन निजी स्कूलों की ओर से दायर अपील में जिला प्रशासन द्वारा स्कूल फीस और सिलेबस की पुस्तकों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर की जा रही जांच को चुनौती दी गई थी। मामले में एकलपीठ द्वारा राहत न दिए जाने पर अपील दायर की गईं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि स्कूल फीस अधिनियम की आड़ में जिला प्रशासन आईपीसी के प्रविधानों के तहत कार्रवाई कर रहा है, जो कि अवैधानिक है। वहीं सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता ब्रह्मदत्त सिंह ने दलील दी कि जिन मामलों में विसंगतियां पाईं गईं, सिर्फ उन्हीं में एफआइआर करके संबंधित स्कूल के प्राचार्यों या मैनेजरों को गिरफ्तार किया गया है। याचिकाकर्ता स्कूलों के संबंध में उपमहाधिवक्ता ने कहा कि उनके विरुद्ध अभी जांच चल रही है इसलिए ये मामले अपरिपक्व होने के कारण सुनवाई योग्य नहीं हैं। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने मामलों का निराकरण करके जांच के पूरे होने तक याचिकाकर्ता स्कूलों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई न करने के निर्देश दे दिए।