नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड सीबीआई छापा: कहां से आई और कहां जाना थी रिश्वत की रकम

अपने ही विभाग के डीएसपी पर शिकंजा कसने के बाद अब सीबीआई उन तारों की तलाश में जुट गई है, जो इस मामले के मुख्य सूत्रधार हैं। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि रिश्वत की ये रकम कहां से आई थी और इसे कहां जाना था, इसकी पतासाजी तेज की गई है।

Aug 20, 2024 - 14:13
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नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड सीबीआई छापा: कहां से आई और कहां जाना थी रिश्वत की रकम
Northern Coalfields Limited CBI raid: Where did the bribe money come from and where was it to go

सीबीआई के डीएसपी के पकड़े जाने के बाद मची उथल-पुथल, दिल्ली मुख्यालय ने मांगी अपडेट

अपने ही विभाग के डीएसपी पर शिकंजा कसने के बाद अब सीबीआई उन तारों की तलाश में जुट गई है, जो इस मामले के मुख्य सूत्रधार हैं। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि रिश्वत की ये रकम कहां से आई थी और इसे कहां जाना था, इसकी पतासाजी तेज की गई है। दावा किया गया है कि इस मामले में बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं और ये पूरा जाल दिल्ली में बैठे ठेकेदारों द्वारा बिछाया गया है। यदि सीबीआई को पूरी तह तक जाने की इजाजत मिली तो जबलपुर-सिंगरौली से लेकर भोपाल-दिल्ली तक के कई सफेदपोशों के काले चेहरे बेनकाब हो जाएंगे। पता चला है कि सीबीआई उन छोटे दलालों को भी दबोचने वाली है, जिनका काम केवल रकम को इधर से उधर करना था।

-सीबीआई के अंदर भी उथल-पुथल

सीबीआई सूत्रों के अनुसार, अपने डीएसपी को गिरफ्तार करने बाद एक टीम को सीबीआई के अन्य अफसरों पर भी नजर रखने के लिये कहा गया है। मुमकिन है कि जिन पर सन्देह है, उनसे पूछताछ भी की जाये। हालांकि, सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय ने मामले की जांच तेजी से करने और अपडेट देने के लिये कहा गया है। जानकार मानते हैं कि अगर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं पड़ा और इन्वेस्टिगेशन को भटकाया न गया तो बड़ा स्कैम उजागर होगा। 

-क्या है पूरा घटनाक्रम

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सिंगरौली में नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के अधिकारियों को गिरफ्तार कर करीब चार करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। एनसीएल के प्रबंधक (सचिवालय) और सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा को गिरफ्तार किया है। साथ ही 17 अगस्त को की गई तलाशी में 5 करोड़ रुपए बरामद किए हैं। यह राशि कथित तौर पर एनसीएल, सिंगरौली में उनके संचालन के लिए कई ठेकेदारों और अधिकारियों से उनके पक्ष में एकत्र की गई थी। सीबीआई ने सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के बिचौलिये और मालिक रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया है। वह कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों, व्यापारियों और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के कई अधिकारियों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था। एनसीएल के इन अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाने और उन्हें सुविधा प्रदान कर रहा था। रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। जबलपुर में पदस्थ सीबीआई के डीएसपी जॉय जोसेफ दामले को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि अपने पक्ष में रिपोर्ट हासिल करने के लिए जेजे दामले को दिवेश सिंह ने पांच लाख रुपये की रिश्वत दी थी। रविशंकर सिंह और उनके सहयोगी एनसीएल के अधिकारियों और जेजे दामले के बीच दिवेश सिंह बिचौलिया का काम कर रहा था। सीबीआई का कहना है कि 16 अगस्त को रविशंकर सिंह के निर्देश पर रवि सिंह के कर्मचारी अजय वर्मा ने लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह से रिश्वत ली थी। रिश्वत की रकम कथित तौर पर सूबेदार ओझा ने भेजी थी। 17 अगस्त को रविशंकर सिंह ने दिवेश सिंह को यह रकम सीबीआई के डीएसपी जेजे दामले तक पहुंचाने को कहा था। सीबीआई ने इस मामले में सिंगरौली, जबलपुर और नोएडा में कई स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।