भाजपा में अब रत्नेश-राजकुमार के जलवे

भाजपा में आर-आर के जलवे हो गये। विस्तार से समझें तो राजकुमार पटैल और अब रत्नेश सोनकर को भाजपा ने अध्यक्ष बनाने का ऐलान कर दिया है।

Jan 15, 2025 - 16:34
 16
भाजपा में अब रत्नेश-राजकुमार के जलवे
Now Ratnesh-Rajkumar's magic is in BJP

रत्नेश सोनकर को महानगर अध्यक्ष और राजकुमार पटेल को ग्रामीण अध्यक्ष की मिली जिम्मेदारी

द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। भाजपा में आर-आर के जलवे हो गये। विस्तार से समझें तो राजकुमार पटैल और अब रत्नेश सोनकर को भाजपा ने अध्यक्ष बनाने का ऐलान कर दिया है। जिले की राजनीति में ये दोनों सक्रिय भूमिका में रहेंगे। गहन मंथन और अति घमासान के बाद जो नाम संगठन ने घोषित किए हैं, वे कई इशारे भी कर रहे हैं। संगठन ने एक तीर से कई शिकार किए हैं। रत्नेश के नाम पर दिग्गजों का घमासान को विराम मिला। वहीं संगठन ने पूर्व क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दे दिया। अब दोनों के स्वागत कार्यक्रमों की धूम होगी और सियासी काफिला इन दोनों के पीछे चल पड़ेगा।

प्रदेश की राजनीति पर सीधा असर-

जानकारों की मानें तो जबलपुर की पूर्व विधानसभा क्षेत्र से आने वाले रत्नेश सोनकर को अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने संदेश दे दिया है कि आगे की रणनीति क्या है। जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के जिलाध्यक्षों का असर प्रदेश की राजनीति में दिखाई देता रहा है। जाहिर है रत्नेश की नियुक्ति का भी असर होगा। हालांकि, सबकुछ सियासी चश्मे से ही नहीं देखना चाहिए। 

दावों और दिग्गजों का क्या हुआ-

सूत्रों का कहना है कि अपने पसंदीदा प्रत्याशी के लिए अड़े दिग्गजों ने रत्नेश के नाम पर आसानी से हामी भर दी। बीते एक हफ्ते से पार्टी में जिलाध्यक्ष चयन को लेकर युद्ध जैसे हालात थे। दिग्गज समझौते को तैयार नहीं थे,लेकिन जब रत्नेश का नाम सामने आया तो दिग्गजों के पास और कोई रास्ता नहीं था। उल्लेखनीय है कि जिस दिन से चुनाव प्रक्रिया शुरु हुई है, उस दिन से जबलपुर का मामला सर्वाधिक विवादित रहा। ऐसा नहीं कि कुछ भी पर्दे के पीछे हुआ हो, सब कुछ सबके सामने हुआ। जबलपुर से कई नाम और थे,लेकिन दिग्गज जिद पर अड़े रहे। 

संघ ने भी लगाया पूरा जोर-

खबर है कि संघ कार्यालय भोपाल ने रत्नेश सोनकर के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया। ऐसा नहीं है कि रत्नेश पहले दौड़ में नहीं थे,लेकिन पहले वे पीछे थे। जब संघ ने शक्ति लगाई तब रत्नेश सबको पछाड़ने में कामयाब हुये। जब नेताओं को भी संघ की मंशा की खबर हुई तो वे भी थोड़े ढीले हो गये। प्रदेश के कुछ और जिलों में भी संघ के दखल के बाद ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति मुम्किन हो सकी। इस बार खास बात ये भी रही कि संगठन और पार्टी के बड़े नेता जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद कई मौकों पर असहज नजर आए।  

संगठन में सदैव सक्रिय रहे

रत्नेश सोनकर पहले भी पार्टी में जिला महामंत्री का दायित्व निभा चुके हैं। साथ ही नगर निगम में राधाकृष्णन वार्ड से पार्षद भी रह चुके हैं। वर्तमान में उनकी भाभी माधुरी सोनकर नगर निगम में राधाकृष्णन वार्ड से भाजपा की पार्षद हैं। उनका अनुभव और संगठन में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी में रत्नेश की छवि एक अच्छे कार्यकर्ता की है,जिसका फायदा उन्हें भविष्य में मिलेगा।

संगठन ने साधे समीकरण

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो शहर की अनसुचित जाति के लिए आरक्षित पूर्व विधान सभा क्षेत्र से आने वाले  रत्नेश सोनकर की नियुक्ति से पार्टी ने अनसुचित जातिवर्ग को साधने के संकेत दिए हैं। वर्तमान में इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया तीसरी बार विधायक हैं ,जो जबलपुर जिले में कांग्रेस के इकलौते विधायक हैं। कहीं न कहीं पार्टी ने पूर्व क्षेत्र में प्रतिनिधित्व बढाने के लिए ये दांव चला है। संगठन की इस तरकीब से कांग्रेस को चिंता हो सकती है।

रत्नेश-राज के लिए चुनौतियां

राजकुमार पटैल व रत्नेश सोनकर के लिए सबसे बड़ी चुनौती है दिग्गजों को साथ लेकर काम करना। दो विपरीत ध्रुवों को साधने में दोनों कामयाब होते हैं या नहीं, ये तो भविष्य के गर्भ में है,लेकिन फिलहाल कयास का दौर जारी है। पार्टी में जिस तरह से टूट-फूट चल रही है, उसे भी दुरुस्त करना भी नए अध्यक्षों की बड़ी जिम्मेदारी होगी। इन दोनों की पहली अग्निपरीक्षा अपनी टीम के गठन के समय होगी।

Matloob Ansari मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से ताल्लुक, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पत्रकारिता की डिग्री बीजेसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म) के बाद स्थानीय दैनिक अखबारों के साथ करियर की शुरुआत की। कई रीजनल, लोकल न्यूज चैनलों के बाद जागरण ग्रुप के नईदुनिया जबलपुर पहुंचे। इसके बाद अग्निबाण जबलपुर में बतौर समाचार सम्पादक कार्य किया। वर्तमान में द त्रिकाल डिजीटल मीडिया में बतौर समाचार सम्पादक सेवाएं जारी हैं।