जनगणना में अब जाति नहीं सम्प्रदाय पूछेंगे, जनवरी 2025 में शुरू होगी जनगणना

जणगणना में धर्म और वर्ग के बारे में पूछा जाता है, लेकिन इस बार यह पूछा जाएगा कि वे किस संप्रदाय को मानते हैं |

Oct 28, 2024 - 14:16
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जनगणना में अब जाति नहीं सम्प्रदाय पूछेंगे, जनवरी 2025 में शुरू होगी जनगणना
Now in census we will ask about community and not caste

नई दिल्ली। 

दस साल बाद देश (Country) में होने वाली जनगणना अगले साल 2025 से शुरू होकर एक साल तक चलेगी। इस जनगणना (Census) की खास बात यह हो सकती है कि गणना के दौरान धर्म और वर्ग के बारे में पूछने के बजाय यह पूछा जाए कि वे किस संप्रदाय को मानते हैं। भारत में हर दस साल बाद देश में जनगणना होती है। इस बार जनगणना 2021 में होना थी लेकिन कोरोना (corona) की वजह से इसे टाल दिया गया। माना जा रहा है कि इस बार जनगणना जाति के बजाय संप्रदाय के आधार पर की जा सकती है। जनगणना में धर्म और वर्ग को ध्यान में रखा जाता है, लेकिन इस बार लोगों से यह भी पूछा जा सकता है कि वे किस संप्रदाय को मानते हैं। 

लोकसभा सीटों के परिसीमन का होगा रास्ता साफ-


गौरतलब है कि कई राजनीतिक दलों ने जातिगत आधार पर जनगणना करने की मांग की थी, जिसे सरकार ने नकार दिया है। लेकिन जनगणना होना आवश्यक है, इसलिए उसे सांप्रदायिक तौर पर कराया जा सकता है। जनगणना के बाद लोकसभा सीटों के परिसीमन का रास्ता साफ हो जाएगा। भारत में पहली जनगणना 1872 में हुई थी। स्वतंत्रता के बाद 1951 में जनगणना की गई और आखिरी जनगणना 2011 में दर्ज की गई थी। जनगणना के आंकड़े भारत सरकार के लिए नीति निर्माण और कार्यान्वयन तथा देश में संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।