अब बप्पा के विसर्जन की करें तैयारी
10 दिनों तक गजानन की सेवा करने के बाद अब बारी है बप्पा की विदाई की। बप्पा की विदाई को खास बनाएं। जिस तरह से ईकोफ्रेंडली भगवान गणेश की स्थापना घर-घर की गई। अब उनके विसर्जन की तैयारी करना चाहिए।
10 दिनों तक गजानन की सेवा करने के बाद अब बारी है बप्पा की विदाई की। बप्पा की विदाई को खास बनाएं। जिस तरह से ईकोफ्रेंडली भगवान गणेश की स्थापना घर-घर की गई। अब उनके विसर्जन की तैयारी करना चाहिए। इस बार की विसर्जन की तैयारी सड़कों पर निकलकर डीजे और बैंड बाजा के साथ न करते हुए। घर पर ही बाल्टी या टब में उन्हें आदर सत्कार के साथ विदाई दें। एक पहल अपनी ओर से करें कि घर पर ही बप्पा को विसर्जित करें। इससे नदियों का पानी गंदा नहीं होगा और आपको भीड़ का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। घर पर ही नाचते गाते हुए भगवान गणेश को विदा कर अगले बरस जल्दी आने की कामना करें।
गणेश विसर्जन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- भगवान गणेश की आरती दो बार करें। यानी जब बप्पा अपने स्थान पर विराजे हों तब उनकी आरती करें और उन्हें लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
- जब भगवान गणेश की प्रतिमा को उनके स्थान से उठाएं और उन्हें विसर्जन के लिए ले जाएं तब उनकी फिर से आरती करें। उन्हें विसर्जित करते समय अपनी मनोकामना मांगे।
- बप्पा के साथ नारियल, दूबा और लड्डू ले जाना न भूलें।
- गणेश विसर्जन के पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है जो कि शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं होता। दिन के 11ः44 से रात 9ः55 तक भद्रा रहेगा।
- बप्पा के विसर्जन से पहले उन्हें पूरे घर में घुमाएं और उनकी विदाई के वक्त जब उनकी प्रतिमा को उठाएं तो उनकी पीठ को अपनी तरफ न करें।