ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम ने ठुकराया भारत आने का न्योता
ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम ने 24 मई को बेंगलुरु में आयोजित होने वाली नीरज चोपड़ा क्लासिक भालाफेंक प्रतियोगिता में भाग लेने का न्योता अस्वीकार कर दिया है।

कहा- एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारियों में व्यस्त
पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम ने बुधवार को जानकारी दी कि उन्होंने 24 मई को बेंगलुरु में आयोजित होने वाली नीरज चोपड़ा क्लासिक भालाफेंक प्रतियोगिता में भाग लेने का न्योता अस्वीकार कर दिया है। इसका कारण उन्होंने यह बताया कि वे उस समय एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप की तैयारियों में व्यस्त रहेंगे।
अरशद नदीम का बयान
अरशद ने कहा, "एनसी क्लासिक प्रतियोगिता 24 मई को है, लेकिन मैं 22 मई को कोरिया रवाना हो जाऊंगा जहां 27 से 31 मई तक एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप आयोजित की जाएगी। मैं फिलहाल उसी की तैयारियों में लगा हूं।"
इससे पहले नीरज चोपड़ा ने सोमवार को एक वर्चुअल संवाद के दौरान बताया था कि उन्होंने अरशद को निमंत्रण भेजा था और उन्होंने यह कहकर जवाब टाल दिया था कि वह अपने कोच से सलाह करके अंतिम निर्णय लेंगे।
गौरतलब है कि पेरिस ओलंपिक 2024 में अरशद ने 92.97 मीटर का भाला फेंक कर स्वर्ण पदक जीता था, जबकि नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक हासिल किया था।
बेंगलुरु में आयोजित होगी प्रतियोगिता-
नीरज चोपड़ा क्लासिक का पहला चरण 24 मई को बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। पहले इसे पंचकूला में करवाने की योजना थी, लेकिन वहां स्टेडियम की प्रकाश व्यवस्था विश्व एथलेटिक्स की मांग के अनुसार 600 लक्स की न्यूनतम रोशनी के मानक पर खरी नहीं उतरी। ऐसे में आयोजन को बेंगलुरु स्थानांतरित कर दिया गया।
नीरज ने बताया, "हमारे पास बेंगलुरु में एक अच्छी टीम है और वहां आयोजन करना ज्यादा सुविधाजनक रहेगा।"
विश्व स्तरीय खिलाड़ियों की भागीदारी
इस प्रतियोगिता का आयोजन नीरज चोपड़ा और JSW स्पोर्ट्स द्वारा भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) और वर्ल्ड एथलेटिक्स के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें कई अंतरराष्ट्रीय भालाफेंक सितारे हिस्सा लेंगे, जिनमें ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के थॉमस रोहलर, केन्या के जूलियस येगो और अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
पीटर्स ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीता था, वहीं येगो 2016 रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता और 2015 विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदकधारी हैं।
भारत में पहली बार इस स्तर पर कोई प्रतियोगिता आयोजित हो रही है, जिससे भारतीय एथलेटिक्स को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलने की उम्मीद है।