हरतालिका तीज 6 को, मां पार्वती ने भगवान शिव के लिए किया था व्रत
तीज का व्रत खास कर सुहागिन महिलाओं के लिए प्रचलित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिला की सुहाग की रक्षा खुद महादेव करते हैं, क्योंकि इस व्रत में शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत की तिथि को लेकर संशय बना हुआ है।
तीज का व्रत खास कर सुहागिन महिलाओं के लिए प्रचलित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिला की सुहाग की रक्षा खुद महादेव करते हैं, क्योंकि इस व्रत में शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत की तिथि को लेकर संशय बना हुआ है।
इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए पंडित शिव तिवारी ने बताया कि हरतालिका तीज का व्रत हर साल भाद्र शुक्ल तृतीया को मसजनाया जाता है। इसके लिए कहा गया है ‘साचह चतुर्थी युताह ग्रास्यह’ मतलब तृतीया में चतुर्थी भी ग्राज्य हो जो कि 6 सितंबर को हो रहा है। इसलिए 6 सितंबर को ही हरितालिका तीज व्रत मनाया जाएगा। बता दें कि हरतालिका तीज हर सुहागिन महिला अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती है, लेकिन इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी करती हैं। बचपन से ही लड़कियां इस व्रत को धारण कर सकती हैं।
हरतालिका तीज का व्रत रखना आसान नहीं होता
इस व्रत को करना इतना आसान नहीं है, जितना आप सोच रहे होंगे। बहुत ही कठिन और परिश्रम से भरा यह व्रत माना जाता है। इस पर्व में महिला निखंड व्रत रखती है। जल की एक बूंद तक महिला अपने मुख में नहीं लेती है। मान्यता है कि सबसे पहले इस पर्व को माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए किया था। इस पर्व के करने से उनका सुहाग अखंड रहे इसके लिए मां पार्वती ने इस व्रत को रखा था। तब से यह प्रचलित है। सुहागिन महिला इस पर्व में सुहाग से संबंधित सभी सामग्रियों को मां पार्वती को अर्पित करती हैं तो वहीं भगवान शिव को धोती और गमछा भी चढ़ाया जाता है। इन तमाम वस्त्र और आभूषण को बाद में कुल पुरोहित को दान कर दिया जाता है।
समय के साथ बदल गया तीज मनाने का ट्रेंड
महिलाओं के लिए यह व्रत काफी कठिन होता है, लेकिन महिलाओं ने इस व्रत को पूरा करने का अंदाज ही बदल दिया है। अब तीज में महिलाएं एक जुट होकर पूरे दिन पूजा की तैयारी करती हैं। अपनी सखियों के साथ इस व्रत को आसान कुछ यूं बनाती है कि सभी पूरे दिन गुजिया और कई अन्य पकवान बनाती हैं साथ ही फुलेरा बांध कर उसे सजाती हैं। इससे पूरा दिन उनका अच्छे से व्यतीत होता है। फैशन की बात की जाए तो कहते हैं इस दिन नए वस्त्र धारण करने चाहिए। तीज के लिए बाजार सज चुके हैं। गहनें, वस्त्र की खरीदी करते हुए महिलाएं इस व्रत को पूरा करती हैं और रात भर जाग कर गाना-बजाना कर हरितालिका तीज का व्रत खास बनाती हैं।