एक तरफ धमकी, एक तरफ सफाई, पाकिस्तान का दिख रहा दोहरा रूप
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान में खलबली मच गई है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है। हालांकि, उन्होंने खुद को मजबूती से पेश करने की कोशिश करते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। पाकिस्तान के कई नेता पहले ही भड़काऊ बयान दे चुके हैं, लेकिन शरीफ का यह बयान साफ दर्शाता है कि अंदरूनी तौर पर पाकिस्तान को भारत की प्रतिक्रिया का डर सता रहा है।
भारत-पाकिस्तान में तनाव चरम पर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी गई थी। हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ का हाथ बताया जा रहा है। भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया है। पाकिस्तान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यदि भारत ने पानी रोका तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और शिमला समझौते से हटने का ऐलान भी कर दिया है।
शरीफ की चेतावनी और दोहराया पुराना रुख
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहली बार सार्वजनिक बयान देते हुए कहा कि कोई भी पाकिस्तान की क्षमताओं को लेकर भ्रम में न रहे। उन्होंने फरवरी 2019 की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना किसी भी हालात का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। शरीफ ने पहलगाम हमले को 'दोषारोपण की राजनीति' का हिस्सा बताया और कहा कि पाकिस्तान जिम्मेदार देश की तरह पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में शामिल होने को तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के बयान को दोहराते हुए एक बार फिर कश्मीर को पाकिस्तान की 'शिरा' बताया और इस मुद्दे पर अपना पुराना रुख दोहराया।