उमरिया के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो और एडीपीओ के खिलाफ जांच के आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में डीएनए रिपोर्ट को चिन्हांकित नहीं करने और लापरवाही बरतने पर उमरिया के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विवेक सिंह रघुवंशी और एडीपीओ बीके वर्मा के खिलाफ जाँच के निर्देश दिए हैं।
पॉक्सो मामले में डीएनए रिपोर्ट को संज्ञान में नहीं लेने का मामला
जबलपुर।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में डीएनए रिपोर्ट को चिन्हांकित नहीं करने और लापरवाही बरतने पर उमरिया के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विवेक सिंह रघुवंशी और एडीपीओ बीके वर्मा के खिलाफ जाँच के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जब डीएनए रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी तो संबंधित जज को इसे चिन्हित करना अनिवार्य था और उसके तहत आरोपियों के बयान दर्ज करना जरूरी था। इसी तरह संबंधित एडीपीओ ने भी अपने कर्तव्य का पालन नहीं किया और ठीक से मुकदमे में पैरवी नहीं की।
जस्टिस विवेक अग्रवाल व जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने आदेश की एक कॉपी रजिस्ट्रार-जनरल को भेजने के निर्देश दिए ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसी तरह एडीपीओ के संबंध में कार्रवाई के लिए एक कॉपी अभियोजन के डायरेक्टर-जनरल को भी भेजने के निर्देश दिए। हाई कोर्ट ने प्रकरण को वापस ट्रायल कोर्ट में भेजने के निर्देश दिए ताकि डीएनए रिपोर्ट पर अभियुक्त के बयान लिए जाएँ और उसके बाद नए सिरे से फैसला पारित किया जाए।
प्रकरण के अनुसार वर्ष 2020 में उमरिया जिले की एक मजदूर महिला की बेटी ने आरोप लगाए थे कि वह जिस घर के निर्माण में काम कर रही थी, उसके मालिक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके साथ ही आरोपी के बेटे ने उस पर गर्म पानी फेंका। कथित पीड़िता ने यह भी आरोप लगाए कि इस घटना के बाद आरोपी की पत्नी ने उसे धमकाया भी था। इस मामले में अभियुक्त बाबूलाल सिंह गोंड को सजा मिली थी। सजा को चुनौती देते हुए अभियुक्त ने हाई कोर्ट में अपील पेश की थी।