खुले में पड़ी है धान और बारिश का है अनुमान
एमपी के जबलपुर जिले में मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है,उधर खरीदी केंन्द्रों में हजारों क्विंटल धान खुले में पड़ी है।

जबलपुर जिला प्रशासन के अफसरों को दी जा चुकी है जानकारी, लेकिन एक्शन नहीं
द त्रिकाल डेस्क, जबलपुर। एमपी के जबलपुर जिले में मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है,उधर खरीदी केंन्द्रों में हजारों क्विंटल धान खुले में पड़ी है। थोड़ी सी बारिश में ही धान गीली हो जाएगी और नियमों का हवाला देकर अधिकारी धान को खरीदने से इंकार कर देंगे। तब वो किसान कहां जाएगा, जो साल पर अपना खून-पसीना एक कर धान पैदा करता है।
-इंतजाम क्यों नहीं हो सकते
धान को बारिश से बचाने के लिए इंतजाम आराम से किए जा सकते हैं,लेकिन पता नहीं क्यों अफसरों ने चुप्पी साध रखी है। अभी व्यवस्था की गयी तो ये काम आसानी से हो जाएगा,लेकिन देर हुई तो धान खराब हो जाएगी।हालाकि, विभिन्न माध्यमों से अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस ओर ध्यान दें, अब देखना है कि अफसरों को होश कब आता है।
-2 सौ करोड़े से ज्यादा की खरीदी, भुगतान सिर्फ तीन करोड़
धान उपार्जन केन्द्रों पर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज को बेचना व समय पर भुगतान पाना कठिन बनता जा रहा है। दो दिसम्बर से प्रारंभ हुई धान खरीदी में जबलपुर जिले में अभी तक 11 हजार किसानों से 9 लाख 90 हजार क्विंटल धान खरीदी जा चुकी है। जिसमें से अब तक केवल 9 करोड़ 80 लाख रूपये का ही भुगतान हो पाया है। लगभग 2 सौ 18 करोड़ की राशि बकाया है। भारतीय किसान संघ ने चिंता जाहिर करते हुये कहा कि गेहूं, चना व मटर की फसल में लागत के लिये किसान को अभी पैसे की जरूरत है। भुगतान की समय सीमा सात दिन बीत चुकी है। बीस दिन हो जाने के बाद भी धान का भुगतान न होने के कारण किसान परेशान है।
-अपनी पैदावार बेचने का संघर्ष
किसान द्वारा स्लॉट बुक करने के बाद निर्धारित तिथि पर अपने स्वयं के साधन से धान खरीदी केंद्र तक ले जाई जाती है। इसके बाद सर्वेयर एफएक्यू के अनुसार धान की जांच करता है। यदि धान एफएक्यू के अनुसार है तो केंद्र पर मौजूद पल्लेदार उसकी तुलाई करते है। तुलाई पूरी होने के बाद कम्प्यूटर आपरेटर आनलाईन किसान के रजिस्ट्रेशन नंबर पर धान की तुलाई मात्रा को चढ़ाता है और किसान को उसकी पक्की पर्ची दे दी जाती है। उसके बाद धान का उठाव कर उसे वेयरहाउस में रख टीपी काट किसान को भुगतान किया जाता है।