जबलपुर: 47 करोड़ का धान घोटाला, 74 लोगों पर FIR

मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में 47 करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा धान घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सख्त कार्रवाई करते हुए नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक दिलीप किरार सहित 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

Mar 21, 2025 - 15:22
 21
जबलपुर: 47 करोड़ का धान घोटाला, 74 लोगों पर FIR
Paddy scam of 47 crores, FIR against 74 people

मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में 47 करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा धान घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सख्त कार्रवाई करते हुए नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक दिलीप किरार सहित 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और अमानत में खयानत जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में 12 अलग-अलग थानों में केस दर्ज किया है और जांच जारी है।

कलेक्टर ने पेश किया 2500 से अधिक पन्नों का प्रतिवेदन

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 2510 पन्नों का विस्तृत प्रतिवेदन पेश किया है, जिसमें आरटीओ टोल नाकों से गुजरने वाली पर्चियों और जीएसटी संबंधी जानकारी को भी शामिल किया गया है।

जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी रिलीज़ ऑर्डर के जरिए धान के परिवहन में गड़बड़ी की गई। कलेक्टर कार्यालय के अनुसार, इस घोटाले में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं।


12 थानों में दर्ज हुई FIR

कलेक्टर दीपक सक्सेना की रिपोर्ट के आधार पर 74 लोगों के खिलाफ 12 थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक समेत 13 कर्मचारी, 17 राइस मिलर और 44 सहकारी समिति से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।

स्थानीय दलालों को बेचा धान

जांच में खुलासा हुआ कि जबलपुर जिले के मिलर्स ने धान को जिले के बाहर भेजने के बजाय स्थानीय दलालों के माध्यम से बेच दिया।

- 614 ट्रिप में से 571 ट्रिप का कोई टोल रिकॉर्ड नहीं मिला।
- 55 वाहन कार, पिकअप वैन और ट्रैक्टर थे, जिनमें धान ढोना संभव ही नहीं था।
- 44 वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर फर्जी पाए गए।
- 121 ट्रिप में ऐसे वाहन थे, जिनकी लोडिंग क्षमता वास्तविक परिवहन से बहुत कम थी।
- 86 ट्रिप में कुछ वाहन 1-2 दिन के भीतर बार-बार फेरे लगाते पाए गए।
- कुल 307 ट्रिप पूरी तरह फर्जी पाई गईं।
- 30 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी का अनुमान
- प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि 1,31,052 क्विंटल धान की हेराफेरी कर   30.14 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।

परिवहन खर्च जोड़ने पर यह घोटाला 70-75 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है

50 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने इस घोटाले का खुलासा किया।
EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने भी 5.5 करोड़ रुपये के घोटाले का पता लगाकर कई जगह छापे मारे।

सख्त कार्रवाई जारी

इस घोटाले की जांच के लिए अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय जांच समिति गठित की गई थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। आरोपियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।