पद्म भूषण गायिका शारदा सिन्हा का निधन 

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल कि उम्र में 5 नवंबर को एम्स में निधन हो गया। उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Nov 6, 2024 - 16:12
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पद्म भूषण गायिका शारदा सिन्हा का निधन 
Padma Bhushan singer Sharda Sinha passes away

ब्लड कैंसर से थीं पीड़ित, 27 अक्टूबर को एम्स में कराया गया था भर्ती, छठ गीतों के लिए रहीं मशहूर

नई दिल्ली। 

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल कि उम्र में 5 नवंबर को एम्स में निधन हो गया। उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। साल 2018 में शारदा सिन्हा को ब्लड कैंसर का पता चला था। सिन्हा को 27 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया के जरिये उनके निधन की जानकारी दी।

4 नवंबर को रिलीज हुआ था आखरी गीत-

4 नवंबर को शारदा सिन्हा का आखिरी प्री-रिकॉर्डेड छठ गीत दुखवा मिटाईं छठी मैया रिलीज़ हुआ, जिसका लिंक उनके बेटे ने अपनी मां की प्रोफाइल से शेयर किया। कैप्शन में उन्होंने लिखा इस बीच जब मेरी मां बीमारी से अपनी लड़ाई लड़ रही हैं। मैं उनके नए छठ गीत दुखवा मिटाईं छठी मैया का एक वीडियो पोस्ट करके एक छोटा सी कोशिश कर रहा हूं. ऑडियो रिलीज होने के बाद मैंने एम्स अस्पताल परिसर में सिर्फ अपने लैपटॉप और मोबाइल डेटा का इस्तेमाल करके यह वीडियो बनाया इसमें मेरी मां की खूबसूरत पुरानी यादों की कलेक्शन को छठ पर्व के मनमोहक दृश्यों के साथ जोड़ा गया है।

बिहार कोकिला का मिला नाम-

शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला कहा जाता था और वे भोजपुरी, मैथिली और मगही संगीत में अपने अपार योगदान के लिए जानी जाती थीं। बिहार के पारंपरिक संगीत को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनके छठ गीत बिहार में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं और शादियों में भी उनके गाने सुनने को मिलते हैं।

भारतीय लोक संगीत पर अमिट छाप छोडी-

1 अक्टूबर 1952 को बिहार में जन्मी शारदा सिन्हा ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी की थी और मगध महिला कॉलेज तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत की विशेष शिक्षा प्राप्त की थी। उन्हें 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, साथ ही भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार गौरव, बिहार रत्न और मिथिला विभूति जैसे कई राज्य सम्मान भी प्राप्त हुए थे। शारदा सिन्हा का संगीत में योगदान भारतीय लोक संगीत पर अमिट छाप छोड़ गया है।