विनेश के नाम दर्ज हो गया पेरिस ओलंपिक

पेरिस ओलम्पिक का समापन हो गया। इस बार भारतीय दल ने मात्र 6 पदक जीते, जो 2012 लंदन ओलम्पिक के बराबर है। भारत में पेरिस ओलम्पिक अब विनेश फोगाट विवाद के नाम से याद रखा जाएगा। यह अपने तरह की अजूबी घटना है।

Aug 12, 2024 - 16:19
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विनेश के नाम दर्ज हो गया पेरिस ओलंपिक
Paris Olympics is registered in the name of Vinesh

रवीन्द्र दुबे

पेरिस ओलम्पिक का समापन हो गया। इस बार भारतीय दल ने मात्र 6 पदक जीते, जो 2012 लंदन ओलम्पिक के बराबर है। भारत में पेरिस ओलम्पिक अब विनेश फोगाट विवाद के नाम से याद रखा जाएगा। यह अपने तरह की अजूबी घटना है। देश में हुई शर्मनाक बयानबाजी, टीका टिप्पणी और ट्रोलिंग पर अब चर्चा होनी ही चाहिए....। राष्ट्र सर्वोपरि की ट्रोलिंग और लिबरल गैंग का खेल में प्रवेश अनुचित है।
पूरे घटनाक्रम को लेकर अब आप कहेंगे इसमें गलत क्या हुआ....खेल है विवाद तो होगा....? बहुत लोगों के साथ ऐसा होता है, पहले भी हुआ है...?  लेकिन इस सबके बाबजूद यह अद्भुत उदाहरण है। टोक्यो 2020 की तरह तिरंगा ऊपर जाते देखने नहीं मिला।

प्रश्न-उत्तर में जानिए...

सवाल: विनेश फोगाट ओलम्पिक में हिस्सा लेने कैसे गई ....?
जवाब: भारतीय कुश्ती संघ की तय चयन प्रक्रिया को अपनाकर....।
सवाल: क्या दो वर्गों में हिस्सा लिया..?
जवाब: हाँ लिया, 50 और 53 किलोग्राम में सरकार के मान्यता प्राप्त संघ ने अनुमति दी। 
सवाल: चयन में अंक कैसे मिले...? 
जवाब: दंगल लड़कर अंक हासिल किए तब जाने मिला।
सवाल: चयन के बाद पेरिस किसने भेजा..?
जवाब: भारत सरकार ने...।
सवाल: क्यों भेजा...? 
जवाब: शरीर पर तिरंगा लगी पोशाक पहन कर पहलवानी में पदक लाने.....। यानी विनेश, अंतिम, रितिका भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं थीं। 
सवाल: निजी स्टॉफ कैसे गया...? 
जवाब: केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय ने अनुमति दी, निजी स्टॉफ ले जाने पर सहमत हुआ। जिसमें फिजियो, कोच और डाईटिशियन थे।
सवाल: क्या अपराध किया था विनेश ने.....? 
जवाब: नहीं, डोप टेस्ट या प्रतिबंधित दवा लेने में तो पकड़ी नहीं गई थीं। एक शारीरिक प्रक्रिया के तहत वजन बढ़ा, जिसे खिलाडी कम नहीं कर पाया। 
सवाल: सरकार का दोष क्या है...? 
जवाब: कोई दोष नहीं है...प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा... विनेश की तारीफ़ की... तब सबको लगा....सरकार.. सरकार है। 
सवाल: पेरिस में कब जागे.....? 
जवाब: सुबह 8.30 बजे अयोग्य घोषित होने के बाद शाम लगभग 6 बजे आपत्ति की गई है वह भी तब ज़ब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर विनेश को चैम्पियन बताया। आईओए और पीटी ऊषा से बात की। तब पेरिस गए दल को घटना की गहराई का भान हुआ।
सवाल: पदक किसका...? 
जवाब: विनेश तिरंगे के साथ पदक लाने वाली थी... प्राइज मनी नहीं..। यह पदक भारत की शान बढा़ता, एक भी स्वर्ण पदक नहीं मिला तो आज भारत 71वें स्थान पर है।
सवाल: क्या फर्क पड़ा....? 
जवाब: यदि नीरज चौपड़ा स्वर्ण पदक दोबारा जीतने से चूक गए तो शायद विनेश का स्वर्ण काम आता। टोक्यो 2020 की तरह जनगनमन की धुन बजती और सबसे ऊपर तिरंगा होता। यह देखकर मन भावुक होता, रोंगटे खडे करने वाला राष्ट्रप्रेम चरम पर होता।
सवाल: अब क्या हो रहा...?
जवाब: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट अब ज्यादा चर्चा में हैं शायद स्वर्ण पदक जीतकर भी भारतीयों के दिल में स्थान न बना पाती। यह पहला मौका है ज़ब विचारधारा छोड़कर लोग विनेश को पदक दिलाने की बात कर रहे हैं। पेरिस में कोर्ट का फैसला तय करेगा पदक दिया जाए या नहीं। 

क्रमश:-1....पढ़ते रहिए...