बृहस्पति ग्रह का तूफानी मौसम की तस्वीरें ने लोगों को किया रोमांचित
नासा अक्सर हमें ब्रह्मांड की अध्भुत और लुभावनी यात्रा पर ले जाता है। नासा हमारे लिए आए दिन ब्रह्मांड के ग्रहों, आकाशगंगाओं की सबसे दूर तक की मनोरम तस्वीरें साझा करता है। ये झलकियां हमारे मन में ब्रह्मांड की हमारी जिज्ञासा को और बढ़ती देती हैं।
इंस्टाग्राम पर नासा ने साझा की तस्वीरें
नासा अक्सर हमें ब्रह्मांड की अध्भुत और लुभावनी यात्रा पर ले जाता है। नासा हमारे लिए आए दिन ब्रह्मांड के ग्रहों, आकाशगंगाओं की सबसे दूर तक की मनोरम तस्वीरें साझा करता है। ये झलकियां हमारे मन में ब्रह्मांड की हमारी जिज्ञासा को और बढ़ती देती हैं। अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर वृहस्पति ग्रह के तूफानी मौसम की आश्चर्यजनक तस्वीरें साझा कीं हैं ।
जूपिटर यानी बृहस्पति ग्रह की तस्वीरों के साथ, नासा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, वृहस्पति पर तूफान - सूर्य से पांचवां ग्रह-हमारे जूमो मिश्न द्वारा ली गई इस छवि में मंथन और चक्कर। ग्रह पर कोई ठोस सतह नहीं होने से, वहां आने वाले तूफान वर्षों, दशकों तक रह सकते हैं, या 400 मील प्रति घंटे (643 किलोमीटर प्रति घंटे) से अधिक की हवाओं वाली सदियों तक रह सकती हैं। जूनो ने बृहस्पति के प्रतिष्ठित बैंडेड जेट स्ट्रीम के भीतर इस तूफान की तस्वीर खींची, क्योंकि यह गैस के विशाल बादलों के ऊपर 8,000 मील (13,000 किमी) उड़ रहा था। इन अशांत जेट स्ट्रीम में अमोनिया और पानी शामिल हैं। वे ग्रह के वायुमंडल को पार कर रहे हैं, जो ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम गैस से भरे हैं। नासा द्वारा साझा की गई तस्वीरें बृहस्पति के वायुमंडल में घूमते नीले, सफेद और भूरे बादलों और तूफानों को दिखाती हैं।
लोगों ने दी अलग-अलग प्रतिक्रिया-
इंस्टाग्राम पर शेयर किए जाने के बाद से इस तस्वीर को अबतक तीन लाख से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं और लोग इसपर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, मुझे यह वैन गॉग की पेंटिंग जैसी लग रही है। एक अन्य यूजर ने लिखा, कागज पर ऐक्रेलिक। तीसरे यूजर ने लिखा, बृहस्पति की तस्वीरें बेहद खूबसूरत और दिलचस्प हैं। इससे पहले, नासा ने अपने अंतरिक्ष यान जूनो द्वारा ली गई बृहस्पति पर ग्रेट रेड स्पॉट की एक लुभावनी तस्वीर शेयर की थी। यह तस्वीर जूनो द्वारा लगभग 13,917 किमी दूर से ली गई थी, जो विशाल ग्रह की खोज कर रहा है। ग्रेट रेड स्पॉट एक तूफान है जो पृथ्वी के आकार से दोगुना है और 350 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है।