सीएम मोहन यादव से मिलने पहुंचे बड़े बीजेपी नेता को पुलिस ने रोका

नीमच में उस समय हंगामा हो गया जब कुछ भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने से रोक दिया गया। इससे नाराज होकर नेताओं ने पुलिस पर नाराजगी जताई और जमकर फटकार लगाई।

Apr 18, 2025 - 14:02
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सीएम मोहन यादव से मिलने पहुंचे बड़े बीजेपी नेता को पुलिस ने रोका
Police stopped a big BJP leader who came to meet CM Mohan Yadav

नीमच में उस समय हंगामा हो गया जब कुछ भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने से रोक दिया गया। इससे नाराज होकर नेताओं ने पुलिस पर नाराजगी जताई और जमकर फटकार लगाई। उनका कहना था कि उन्होंने ही मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक को चुना है, फिर भी उन्हें मिलने से रोका जा रहा है। इस व्यवहार से नीमच के विधायक भी खफा हो गए और उन्होंने भी मुख्यमंत्री से मिलने से मना कर दिया। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर कांग्रेस नेताओं ने तंज कसना शुरू कर दिया है। यह घटना उस समय हुई जब सीएम मोहन यादव गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के सिलसिले में नीमच आए थे।

बुधवार शाम करीब 6 बजे गृह मंत्री अमित शाह का नीमच आगमन प्रस्तावित था। वे दो दिन के दौरे पर आने वाले थे। इसी के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी नीमच पहुंचे। मुख्यमंत्री शाम करीब 5 बजे नीमच की हवाई पट्टी पर पहुंचे थे।

पुलिस ने इन्हें रोका 


नीमच में मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने पहुंचे भाजपा नेताओं को पुलिस द्वारा रोके जाने से विवाद की स्थिति बन गई। विधायक दिलीपसिंह परिहार, भाजपा जिलाध्यक्ष वंदना खंडेलवाल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र भटनागर और नगरपालिका अध्यक्ष के ससुर संतोष चौपड़ा समेत कई नेता और कार्यकर्ता सीएम का स्वागत करने आए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। इससे महेंद्र भटनागर और संतोष चौपड़ा भड़क गए और उन्होंने पुलिस को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

विधायक ने भी किया समर्थन 


संतोष चौपड़ा ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नवलसिंह सिसोदिया से नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक को उन्होंने ही बनाया है, ऐसे में पुलिस का ऐसा बर्ताव स्वीकार नहीं किया जा सकता। उनके साथ उनके समर्थक भी लौटने लगे। यह देख विधायक दिलीपसिंह परिहार भी उनके समर्थन में बाहर आ गए और बोले कि अगर ऐसा ही है, तो वे भी मुख्यमंत्री से नहीं मिलेंगे।

स्थिति बिगड़ती देख एएसपी ने नेताओं को समझाने की कोशिश की और संबंधित थाना प्रभारियों व पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि नेताओं को गेट पर न रोका जाए। इस दौरान घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे कई कांग्रेस नेताओं ने भी शेयर किया।

पुलिस ने रखा अपना पक्ष 


एएसपी का कहना है कि उन्हें जो सूची मिली थी, उसी के अनुसार लोगों को प्रवेश दिया गया। इस पर विधायक और अन्य नेताओं ने सवाल उठाया कि जब पहले प्रधानमंत्री के दौरे पर सभी नेताओं को मिलने दिया गया था, तो इस बार वरिष्ठ भाजपा नेताओं और मंडल अध्यक्षों के नाम सूची से कैसे गायब हो गए? महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को भी रोका गया, जिससे नेताओं की नाराजगी और बढ़ गई।

स्थिति को संभालने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष वंदना खंडेलवाल मौके पर पहुंचीं और कार्यकर्ताओं को शांत करते हुए समझाया कि सभी को मिलने का अवसर मिलेगा, लेकिन कोई अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। बाद में विधायक के हस्तक्षेप पर कार्यकर्ताओं को भीतर जाने दिया गया, लेकिन उन्हें सुरक्षा घेरे के भीतर नहीं जाने दिया गया।