राजगढ़ सीट से ईवीएम नहीं मतपत्र से वोटिंग की तैयारी

मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश की एक लोकसभा सीट ऐसी है, जहां ईवीएम से नहीं बल्कि मतपत्र से वोटिंग के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। लोकसभा सीट में आने वाली सातों विधानसभाओं से पचास-पचास उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है।

Apr 12, 2024 - 16:05
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राजगढ़ सीट से ईवीएम नहीं मतपत्र से वोटिंग की तैयारी
Preparation for voting from Rajgarh seat using ballot paper and not EVM.

लोकसभा क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों से कांग्रेस की 50-50 प्रत्याशी उतारने की रणनीति

मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश की एक लोकसभा सीट ऐसी है, जहां ईवीएम से नहीं बल्कि मतपत्र से वोटिंग के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। लोकसभा सीट में आने वाली सातों विधानसभाओं से पचास-पचास उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है। इतना ही नहीं बल्कि अब तक करीब 300 से ज्यादा उम्मीदवारों की तैयारी भी लगभग पूरी की जा चुकी है।
दरअसल, यह सीट है राजगढ़ लोकसभा। अक्सर ईवीएम को कटघरे में रखने वाले कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह इस सीट से चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने मतपत्रों से वोटिंग के लिए इस बार लोकसभा चुनावों में राजगढ़ सीट से 400 उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े करने का ऐलान किया था। इलेक्शन मैनेजमेंट में जुटी दिग्विजय टीम ने प्रत्याशियों के कागजात समेत अन्य कामों में जुट गई है। बताया जा रहा है कि 400 के अलावा 30 उम्मीदवार को भी तैयार किया जा रहा है। यह अपने खर्च पर नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि जिससे कुछ प्रत्याशियों के नामांकन रद भी हो जाएं तो 384 से अधिक प्रत्याशी मैदान में रहें और ईवीएम की क्षमता से अधिक उम्मीदवार होने से चुनाव मतपत्र से ही होंगे।

ईवीएम की गड़बड़ियोंको रोकने विकल्प

मामले में कांग्रेस मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने जो कहा है वही होगा। इसकी तैयारी में भी कांग्रेस जुटी हुई है। ईवीएम की गड़बड़ियों को रोकने के लिए लोकतंत्र बचाने के लिए जब सभी रास्तें बंद हो तो यह विकल्प बचा हुआ है। चुनावी परिणाम भी इस धांधली को उजागर करेंगे। उधर, बीजेपी ने कांग्रेस की कवायद और दिग्विजय पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि राजगढ़ में लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है। वे चुनाव के नाम पर अराजकता फैला रहे हैं। अपनी हार से घबराकर विपक्ष ऐसे हथकंडे अपना रहा है। चुनाव मतपत्र से हो या ईवीएम से आतंकवादियों और देश विरोधी ताकतों का आदर सत्कार करने वाले, राम मंदिर निर्माण के विरोधी दिग्विजय की हार भी तय है।