जबलपुर के सेंट्रल जेल में गणेश उत्सव की धूम, कैदियों का हुनर लाजवाब,इको फ्रेंडली गणपति बप्पा बनाने में जुटे बंदी

संस्कारधानी में गणेश उत्सव के लिए शहर के मूर्ति कलाकार भगवान गजानन की मनमोहक प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं इस कार्य में जेल की चार दिवारी में अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदी भी पीछे नहीं है जेल में रहते हुये भी इन कैदियों ने अपनी कला को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए गणेशजी की मूर्तियों का निर्माण किया है.

Sep 5, 2024 - 12:27
Sep 5, 2024 - 12:28
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जबलपुर के सेंट्रल जेल में गणेश उत्सव की धूम, कैदियों का हुनर लाजवाब,इको फ्रेंडली गणपति बप्पा बनाने में जुटे बंदी
Prisoners busy in making eco-friendly Ganpati Bappa in Jabalpur's Central Jail

प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश के 10 दिवसीय गणेश उत्सव का शुभारंभ 7 सितंबर से होगा। संस्कारधानी में गणेश उत्सव के लिए शहर के मूर्ति कलाकार भगवान गजानन की मनमोहक प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं इस कार्य में जेल की चार दिवारी में अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदी भी पीछे नहीं है कहते हैं कि कला कभी किसी की मोहताज नहीं होती. बस खुद में जुनून होना चाहिए.अच्छा कलाकार हर माहौल में अपनी कला को जीवित रखने का प्रयास करता है. इस कथन को सत्य साबित कर दिखाया है जबलपुर के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस सेन्ट्रल जेल में रहते हुये भी इन कैदियों ने अपनी कला को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए गणेशजी की मूर्तियों का निर्माण किया है.

सभी मूर्तियां ईको फ्रेंडली, पर्यावरण संरक्षण का संदेश

जबलपुर सेन्ट्रल जेल में अलग-अलग अपराधों में सजा काट रहे कैदी मूर्तियां बनाने में लगे हैं. सज़ा काट रहे कैदियों की कला अपना अलग रंग दिखा रही है. इन मूर्तियों की एक खास बात इनका ईको फ्रेंडली होना है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही हैं. वाटर कलर और ब्रश के साथ साथ मिट्टी, गोबर और तुलसी के बीज से निर्मित भगवान गणेश की मूर्तिया इतनी मनोहारी हैं कि किसी का भी मन मोह लें. अपने अपराधों की सजा काट रहे कैदियों की कला का सम्मान करते हुए जेल प्रशासन ने मूर्तियां बनाने का सामान मुहैया कराया है. इन बंदियों ने जेल में बड़ी संख्या में भगवान गणेश की छोटी प्रतिमाएं तैयार की हैं.

बिक्री के लिए लगेगा स्टॉल

कई रूपों में गणेश की इन मूर्तियों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल के काउंटर पर आम लोगों के खरीदने के लिए रखा जाएगा ताकि लोग कैदियों की कला की हौसलाअफ़जाई करने के साथ इन्हें अपने घरों में विराजमान कर गणेशोत्सव धूमधाम से मनाएं. इसके साथ ही समय आने पर यह कैदी दीपावली में दीए बनाने का काम करते हैं तो वहीं नवरात्रि में मां दुर्गा की अलौकिक मूर्तियों का निर्माण करते हैं।