प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ देता है संरक्षण, डूम्सडे वॉल्ट में देश के 9 करोड़ बीच हैं शामिल
जिस तरह से दुनिया में वर्ल्ड बैंक की अपनी एक अलग पहचान है। ठीक उसी तरह से डूम्सडे वॉल्ट भी दुनिया में काफी मायने रखता है। डूम्सडे वॉल्ट एक सीड वॉल्ट है, जो आर्कटिक समुंदर के बीच एक द्वीप पर स्थित है।
जिस तरह से दुनिया में वर्ल्ड बैंक की अपनी एक अलग पहचान है। ठीक उसी तरह से डूम्सडे वॉल्ट भी दुनिया में काफी मायने रखता है। डूम्सडे वॉल्ट एक सीड वॉल्ट है, जो आर्कटिक समुंदर के बीच एक द्वीप पर स्थित है। इसे स्वालबार्ड वॉल्ट कहते हैं, लेकिन अक्सर यह डूम्सडे वॉल्ट के नाम से जाना जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य एक वैश्विक बीज बैंक के रूप में काम करना है। यह प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन या मानव निर्मित आपदाओं के कारण कृषि फसलों के बिगड़ने से होने वाले नाश के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इस वॉल्ट में दुनिया के 64 करोड़ बीज है। जिसमें भारत के 9 करोड़ बीज शामिल है।
इसलिए जरूरी है वॉल्ट
बीज संरक्षण- वॉल्ट दुनिया भर के विभिन्न देशों और संगठनों से बीजों का एक विशाल संग्रहण रखता है। यहां सबसे ज्यादा खाद्य फसलों जैसे गेहूं, चावल, मक्का के बीज रखे हैं। फसलों की जेनेटिक विविधता को संरक्षित करने में यह महत्वपूर्ण है।
वैश्विक सहयोग- डूम्सडे वॉल्ट एक साझा प्रयास है जिसमें दुनिया भर के कई संगठन शामिल हैं, जैसे कि नॉर्वेजियन सरकार, संयुक्त राष्ट्रों का खाद्य और कृषि संगठन। इन संगठनों ने बीजों की सुरक्षा और प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम किया है।
सुरक्षा- इस वॉल्ट को आर्कटिक में इसलिए बनाया गया है क्योंकि यहां एक पर्याप्त और स्थिर पर्यावरण है। यह भूकंप और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सकता है। इस क्षेत्र के 0 ड्रिग्री तामपान में बीजों को संरक्षित किया जाता है।
आपातकालीन पहुंच- यदि किसी देश या क्षेत्र की कृषि की कोई प्रजाति आपातकालीन घटना से किसी खतरे का सामना करती है, तो वे इस वॉल्ट से अपने बीजों को फिर से प्राप्त करने का अनुरोध कर सकते हैं ताकि फसलों को पुनर्स्थापित किया जा सके।