पुष्पा-2: सिर्फ 6 मिनट के सीन के लिए खर्च किये 60 करोड़
अल्लू अर्जुन की सुपरहिट फिल्म पुष्पा-द राइज का सीक्वल पुष्पा -2 द रूल इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है।

ओपनिंग डे पर 150 करोड़ से ज्यादा की कमाई,
अल्लू अर्जुन की सुपरहिट फिल्म पुष्पा-द राइज का सीक्वल पुष्पा -2 द रूल इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। फिल्म 5 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई और पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की। इसने ओपनिंग डे पर 150 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन किया, जिससे यह 2024 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई। दर्शकों से फिल्म को मिला-जुला रिस्पॉन्स मिल रहा है। कुछ को फिल्म बहुत पसंद आई, जबकि कुछ को यह खास नहीं लगी। हालांकि, पुष्पा-2 का एक विशेष सीन, गंगम्मा जतारा काफी चर्चा में है, जिसमें अल्लू अर्जुन एक अलग ही अवतार में नजर आ रहे हैं।
गंगम्मा जतारा सीक्वेंस की हो रही चर्चा-
पुष्पा-2 के चर्चित सीन में अल्लू अर्जुन नीले रंग की साड़ी पहने हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें उन्होंने भारी गहने, माला, कान में झुमके और नाक में बुलाक पहना है। सोने के गहनों और पैरों में घुंघरू बांधकर उन्होंने गंगम्मा जतारा सीक्वेंस में अपनी खास शैली दिखाई। इस लुक में हर एक डिटेल पर बारीकी से ध्यान दिया गया है। हालांकि, सऊदी में इस 6 मिनट के सीन को काट दिया गया है। इस सीन को फिल्माने में मेकर्स ने 60 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि गंगम्मा जतारा क्या है, जिसे इतने बड़े बजट के साथ फिल्माया गया और फिर भी इसे कुछ हिस्सों में कट किया गया।
गंगम्मा जतारा क्या है-
पुष्पा-2 का जतारा सीन एक धार्मिक उत्सव से जुड़ा है, जिसे तिरुपति गंगम्मा जतारा कहते हैं, जो तिरुपति के मूल निवासियों द्वारा मनाया जाता है। यह एक वार्षिक उत्सव है, जो हर साल मई के पहले पखवाड़े में मनाया जाता है। गंगम्मा को श्री वेंकटेश्वर की छोटी बहन के रूप में पूजा जाता है। इस उत्सव के पीछे महिलाओं के सम्मान से जुड़ी एक पुरानी कहानी है। जतारा के दौरान तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम देवी गंगम्मा को भगवान वेंकटेश्वर की ओर से एक शुभ उपहार 'पेरिसु' भेजता है, जिसमें साड़ी, हल्दी, कुमकुम, चूड़ियां जैसे श्रृंगार का सामान रखा जाता है। देवी गंगम्मा को धन्यवाद देने के लिए तिरुपति के मूल निवासी हर साल उत्सव मनाते हैं, जिसके हिस्से के रूप में भक्त मंदिर तक पैदल चलते हैं। पुरुषों द्वारा साड़ी पहने की रस्म को पेरेंटालु वेशम कहा जाता है, जो परंपरागत रूप से कैकला कबीले के द्वारा किया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले उत्सव गंगम्मा जतारा के आखिरी दिन पुरुष पूजा करने के लिए महिलाओं के वेश में मंदिर जाते हैं। पुष्पा 2 के जरिए अल्लू अर्जुन भी सदियों पुराने इस अनुष्ठान को दर्शकों तक पहुंचाने की कोशिश करते दिखे।