रामोजी फिल्म सिटी और इनाडु के संस्थापक रामोजी राव का निधन

रामोजी फिल्म सिटी और इनाडु के संस्थापक रामोजी राव का 87 वर्ष में शनिवार को निधन हो गया। बताया गया है कि शुक्रवार को तबीयत खराब होने के बाद उन्हें फिल्म सिटी स्थित उनके घर से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

Jun 8, 2024 - 16:10
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रामोजी फिल्म सिटी और इनाडु के संस्थापक रामोजी राव का निधन

रामोजी फिल्म सिटी और इनाडु के संस्थापक रामोजी राव का 87 वर्ष में शनिवार को निधन हो गया। बताया गया है कि शुक्रवार को तबीयत खराब होने के बाद उन्हें फिल्म सिटी स्थित उनके घर से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, इलाज के दौरान ही उनकी तबीयत और बिगड़ गई। उन्होंने शनिवार सुबह करीब 3.45 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। 

जानिए कौन है रामोजी राव-

रामोजी राव का पूरा नाम चेरूकुरी रामोजी राव था। उनका जन्म 16 नवंबर 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित पेदापरुपुदी में हुआ था। उन्हें देश में बिजनेस, मीडिया और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने रामोजी ग्रुप की नींव रखी, जिसमें फिल्म स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी के अलावा ईटीवी नेटवर्क, डॉल्फिन होटल्स, मार्गदर्शी चिटफंड और ईनाडू तेलुगु अखबार भी आता है। 2016 में उन्हें शिक्षा, पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राव के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय मीडिया में क्रांति लाने वाला दूरदर्शी व्यक्ति करार दिया। पीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राव के समृद्ध योगदान ने पत्रकारिता और फिल्म जगत पर अमिट छाप छोड़ी है। अपने उल्लेखनीय प्रयासों के माध्यम से उन्होंने मीडिया और मनोरंजन जगत में नवाचार और उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए। प्रधानमंत्री ने पोस्ट किया,'' रामोजी राव गारू में भारत के विकास को लेकर जुनून था। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनसे बातचीत करने और उनके ज्ञान से लाभ उठाने के कई अवसर मिले। इस कठिन समय में उनके परिवार, मित्रों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।ÓÓ

1996 में बसाई थी रामोजी फिल्म सिटी-

दक्षिण भारत के मशहूर फिल्म निर्माता और पद्मविभूषित रामोजी राव ने इस फिल्म सिटी को 1996 में बसाया था। फिल्म निर्माण से जुड़ी मुश्किलों को देखते हुए उन्होंने ऐसी फिल्म सिटी की कल्पना की थी, जिसमें ऐसा कहा जाता है कि फिल्म मेकर यहां सिर्फ स्क्रिप्ट लेकर आते और बनी हुई फिल्म लेकर वापस जाते हैं। यहां हर साल करीब 200 फिल्मों की शूटिंग होती है। अब तक यहां करीब 2000 फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। इसमें हिंदी, भोजपुरी, तेलगू, तमिल, कन्नड़, मल्यालम, बंगाली, उड़िया और अन्य भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। हिंदी फिल्मों में यहां कृष-3, जय हो, रोबोट, किस्मत कनेक्शन, सरकार राज, गोलमाल, हिम्मतवाला, चेन्नई एक्सप्रेस और दिलवाले आदि शामिल हैं। बाहुबली फिल्म के दोनों हिस्सों की शूटिंग यहीं पूरी हुई थी।