3000 टीचर ट्रेनिंग संस्थानों की मान्यता रद्द होने की संभावना, NCTE बड़े कदम उठाने की तैयारी में

देशभर में लगभग 3000 टीचिंग संस्थान संदेह के घेरे में हैं। वर्तमान में देश में कुल 15,500 टीचिंग संस्थानों को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) से मान्यता प्राप्त है, जिसमें ये तीन हजार संस्थान भी शामिल हैं।

Apr 15, 2025 - 13:32
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3000 टीचर ट्रेनिंग संस्थानों की मान्यता रद्द होने की संभावना, NCTE बड़े कदम उठाने की तैयारी में
Recognition of 3000 teacher training institutes likely to be canceled NCTE preparing to take big steps

देशभर में लगभग 3000 टीचिंग संस्थान संदेह के घेरे में हैं। वर्तमान में देश में कुल 15,500 टीचिंग संस्थानों को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) से मान्यता प्राप्त है, जिसमें ये तीन हजार संस्थान भी शामिल हैं। NCTE ने प्राप्त फीडबैक और शिकायतों के आधार पर इन सभी संस्थानों को निर्देश दिया कि वे शैक्षणिक वर्षों 2021-22 और 2022-23 की परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PARs) जमा करें। इसके लिए उन्हें चार महीने का समय भी दिया गया था।

लगभग तीन हजार संस्थानों ने बार-बार कहने के बावजूद अब तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है। अब NCTE ऐसे संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेज रहा है। कुछ संस्थानों को लेकर यह शिकायतें भी सामने आई हैं कि वहाँ केवल छात्रों का नामांकन किया जाता है, लेकिन न तो वहां कोई ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) मौजूद होता है और न ही योग्य शिक्षक पढ़ाने के लिए होते हैं।

NCTE के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने जानकारी दी कि जिन टीचिंग संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेजे जा रहे हैं, उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना जवाब देना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते तक सभी संबंधित संस्थानों को ये नोटिस भेज दिए जाएंगे। ये नोटिस NCTE एक्ट 1993 के सेक्शन 17 (1) के तहत जारी किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मान्यता प्राप्त संस्थानों में बुनियादी ढांचे से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों तक सभी आवश्यक मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।

अगर कारण बताओ नोटिस का जवाब समय पर नहीं दिया गया, तो ऐसे मामलों पर गवर्निंग बॉडी निर्णय लेगी और संबंधित संस्थानों की मान्यता रद्द की जा सकती है। मान्यता रद्द होने की स्थिति में, केवल कागजों पर चल रहे ऐसे संस्थानों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, ताकि छात्र और उनके अभिभावक यह जान सकें कि कौन-कौन से संस्थान अब मान्यता प्राप्त नहीं हैं। साथ ही, जिन संस्थानों ने परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा की है, उनकी भी समीक्षा की जा रही है, और जिनमें खामियां पाई जाएंगी, उन्हें सुधार के निर्देश दिए जाएंगे।

टीचिंग एजुकेशन में व्यापक बदलाव की दिशा में कदम

प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि देश में टीचिंग एजुकेशन के क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुधार की योजना तैयार की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप, अब शिक्षा व्यवस्था में मौजूद खामियों को दूर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। NCTE की ओर से संस्थानों का ऑनलाइन निरीक्षण किया जा रहा है। जिन संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है, उनके कागज़ों में तो कई कोर्स दर्ज हैं, लेकिन यह जांच की जा रही है कि कहीं ये कोर्स बिना निर्धारित मानकों के तो नहीं संचालित हो रहे हैं।

डमी संस्थानों पर सख्ती की तैयारी

फर्जी टीचिंग संस्थानों, शिक्षकों और छात्रों की पहचान के लिए परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट का तंत्र लागू किया गया है, जिसका असर भी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। टीचिंग प्रोग्राम की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके तहत कक्षा शिक्षण से लेकर बुनियादी ढांचे तक की गहन जांच की जा रही है। इसके अलावा, टीचिंग के नए कोर्स भी लाए जा रहे हैं और नए नियम भी लागू हो चुके हैं। वर्ष 2026 से कई नए कोर्स शुरू होंगे और यह तय करने में कि किन संस्थानों में ये कोर्स चलाए जा सकते हैं, अप्रेजल रिपोर्ट अहम भूमिका निभाएगी।