आचार संहिता में बदला भर्ती विज्ञापन, शिकंजा कसा

मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज के स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन-एसइपीएम मे विवादों का सिलसिला नहीं थम रहा है। ताजा मामला आचार संहिता के बीच भर्ती विज्ञापन से जुड़ा है। जिसको लेकर डीन के खिसआयोग तक शिकायत पहुंच गई है। 

Mar 22, 2024 - 15:35
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आचार संहिता में बदला भर्ती विज्ञापन, शिकंजा कसा
आचार संहिता में बदला भर्ती विज्ञापन, शिकंजा कसा

जबलपुर मेडिकल कॉलेज डीन के खिलाफ उल्लंघन का प्रकरण दर्ज

मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज के स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन-एसइपीएम मे विवादों का सिलसिला नहीं थम रहा है। ताजा मामला आचार संहिता के बीच भर्ती विज्ञापन से जुड़ा है। जिसको लेकर डीन के खिसआयोग तक शिकायत पहुंच गई है। 

आचार संहिता के बीच मेडिकल के भर्ती विज्ञापन को बदलना डीन को महंगा पड़ गया। शिकायत पर आयोग ने शिकंजा कस दिया और मामला कायम किया गया है।  ये प्रकरण मेडिकल कॉलेज के स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन-एसइपीएम से जुड़ा हुआ है। जिसमें डीन डॉ. गीता गुइन ने एसइपीएम में भर्ती के लिए विज्ञापित पदों में आचार संहिता के दौरान फेरबदल कर दिया। शिकायत की प्रारंभिक जांच में मामला आदर्श आाचार संहिता के उल्लंघन का पाया गया है।  इसकी सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक सक्सेना ने चुनाव आयुक्त को भेज दी है। संभागायुक्त को डीन के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव प्रेषित किया है।

तारीखवार घटनाक्रम-

12 मार्च को डीन ने शिक्षक सवंर्ग के कुल 9 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था। ततपश्चात 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावशाील हो गई। फिर18 मार्च को  डीन ने संशोधित विज्ञापन जारी किया। इसमें कुल पदों की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी।

कौन सा पद बढ़ा दिया-

एसइपीएम में पूर्व में विज्ञापित पदों में दो पद प्रोफेसर, एक पद एसोसिसएट प्रोफेसर और छह पद असिसटेंट प्रोफेसर के थे। इसमें रेडियोडायग्नोसिस के असिसटेंट प्रोफेसर के एक पद को छोड़कर बाकी सभी पद पलमोनरी और रेस्पेरेटरी के लिए थे। आचार संहिता प्रभावी होने के बाद डीन ने भर्ती प्रक्रिया में जनरल मेडिसिन का असिसटेंट प्रोफेसर का एक और पद शामिल कर लिया। इसे मिलाकर कुल 10 पद की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। इन पदों पर 30 अप्रैल तक आवेदन मांगे गए हैं। 

अब तक क्या कार्रवाई हुई-

विज्ञापन में पदों के फेरबदल पर जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से डीन से स्पष्टीकरण मांगा गया था। बताया जा रहा है कि डीन ने पूर्व में जारी विज्ञापन में कुछ गड़बड़ी होने की बात कही, जिसका सुधार नए विज्ञापन में किया गया। लेकिन परीक्षण में पाया गया कि संशोधित विज्ञापन में एक पद बढ़ा दिया गया है। यह नियम विरुद्ध है। यदि बदलाव आवश्यक था तो पहले कोरेजेंडम-परिशिष्ट जारी किया जाना चाहिए था। उसके बाद अमेंडमेंट-संशोधन प्रक्रिया अपनाई जानी थी।